10 साल की उम्र से सीखा क्रिकेट

तमिलनाडु में जन्में दिनेश कार्तिक ने 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। कार्तिक के पिता का सपना था कि उनका बेटा एक बड़ा क्रिकेटर बने। इसीलिए बचपन में वह कार्तिक को लेदर की हार्ड बॉल से तेज गेंद फेंका करते थे। यही वजह है कि कार्तिक बहुत छोटी उम्र में बड़े लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगे थे। इसके बाद कार्तिक का सेलेक्शन तमिलनाडु की यूथ टीम में होगा। वहां पर उन्होंने बैटिंग के साथ-साथ विकेटकीपिंग में भी ध्यान लगाया।

धोनी कराते थे दिनेश कार्तिक को प्रैक्‍टिस,माही से पहले कर लिया था इंटरनेशनल डेब्‍यू

बैटिंग ही नहीं विकेटकीपिंग में अजमाया हाथ

तमिलनाडु की तरफ से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहने का परिणाम यह निकला कि, कार्तिक पहले अंडर-14 और फिर अंडर-19 की टीम से खेलने लगे। साल 2002 में बड़ौदा के खिलाफ दिनेश कार्तिक ने अपना पहला फर्स्ट क्लॉस मैच खेला। इसके ठीक 2 साल बाद बांग्लादेश में हो रहे अंडर-19 वर्ल्डकप में कार्तिक को भारत की तरफ से खेलने का मौका मिला। हालांकि भारत फाइनल में तो नहीं पहुंच पाया, मगर श्रीलंका के अगेंस्ट 39 गेंदों में 70 रन की पारी ने बता दिया था कि कार्तिक एक बड़े खिलाड़ी बनने की राह पर हैं।

धोनी कराते थे दिनेश कार्तिक को प्रैक्‍टिस,माही से पहले कर लिया था इंटरनेशनल डेब्‍यू

धोनी कराते थे कार्तिक को प्रैक्टिस

साल 2003 की बात है इंडिया 'ए' टीम को जिंबाब्वे दौरे पर भेजा गया था। उस टीम में दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी शामिल थे। माही और कार्तिक दोनों के पास बेहतरीन चांस था, जो अच्छा प्रदर्शन कर ले उसको भारतीय टीम में एंट्री मिल जाती। इस दौरे पर धोनी कार्तिक को प्रैक्टिस कराया करते थे। दिनेश ने दो अर्धशतक लगाए और ठीक एक साल भारतीय टीम में जगह बना ली। कार्तिक ने सितंबर 2004 में इंग्लैंड के विरुद्ध अपना पहला वनडे इंटरनेशनल मैच खेला। हालांकि वह इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके और एक रन बनाकर आउट हो गए। कार्तिक टीम में अपनी जगह पक्की करते कि 3 महीने बाद दिसंबर में एमएस धोनी ने बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज भारतीय टीम में एंट्री मारी। इसके बाद क्या हुआ, वह सभी को मालूम है। धोनी दिनों-दिन तरक्की करते गए और कप्तान तक बन गए।

धोनी कराते थे दिनेश कार्तिक को प्रैक्‍टिस,माही से पहले कर लिया था इंटरनेशनल डेब्‍यू

टीम में कभी जगह नहीं हो पाई पक्की

धोनी के आने के बाद कार्तिक को टीम में जगह मिल पाना मुश्किल सा हो गया। 2004 में एक मैच खेलने के बाद 2005 में उन्हें कोई मौका नहीं मिला। वहीं अगले साल सिर्फ 3 वनडे खेले। इसके बाद साल दर साल वह टीम में आते-जाते रहे और रन बनाते रहे। निदाहास ट्रॉफी में जब माही को रेस्ट दिया गया था, उनकी जगह कार्तिक को शामिल किया गया था और भारत को आज ट्रॉफी दिलाने में कार्तिक की सबसे बड़ी भूमिका रही।

Cricket News inextlive from Cricket News Desk