-नकल रोकने पर डीआईओएस सख्त, सभी फ्लाइंग स्क्वायड को दिए निर्देश

BAREILLY

केस नं.1

अजय इंटर कॉलेज में गत 20 फरवरी को इकोनॉमिक के टीचर इंटर के इकोनॉमिक के एग्जाम में इंविजिलेटर की ड्यूटी कर रहे थे। डीआईओएस ने निरीक्षण किया तो कॉलेज मैनेजमेंट की पोल खुली।

केस नं.2

डीआईओएस ने मीरगंज तहसील के चन्द्र प्रकाश इंटर कॉलेज में गत 5 मार्च परीक्षा की सुचिता परखी, तो कमरा नंबर एक और छह में जो इंविजिलेटर मिले, वह कॉलेज के सब्जेक्ट टीचर थे।

केस नं। 3

सरदार पटेल इंटर कॉलेज में होम साइंस के पेपर में 4 मार्च को सब्जेक्ट टीचर ही इंविजिलेटर बनी हुई थी। डीआईओएस ने जब परीक्षा की गोपनीयता परखी, तो कॉलेज मैनेजमेंट की करतूत से पर्दा उठा।

यह तीन मामले तो बानगी भर हैं। ऐसे दर्जनों केस हैं, जिनमें कॉलेज मैनेजमेंट ने नकल के लिए सब्जेक्ट टीचर को इंविजिलेटर बना रहे हैं। डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने परीक्षा की सुचिता को परखने के लिए जब सेंटर्स पर छापा मारा, तो कॉलेज मैनेजमेंट का खेल सामने आया। इसके बाद डीआईओएस को समझने में देर न लगी की कॉलेज मैनेजमेंट ने नकल करने के इरादे से अपने कॉलेज के सब्जेक्ट टीचर को इंविजिलेटर बना दिया है। डीआईओएस ने सभी उड़नदस्तों को निर्देश दिए हैं कि वह नकलची स्टूडेंट्स को नहीं, बल्कि इंविजिलेटर पकड़ें। क्योंकि अधिकांश सेंटर्स पर इंविजिलेटर नकल कराते हुए मिले हैं। इससे एक ओर जहां इंविजिलेटर और केन्द्र व्यवस्थापक के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। वहीं दूसरी ओर परीक्षा की सुचिता बनी रहेगी।

सभी उड़नदस्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वह इंविजिलेटर की पड़ताल करें। क्योंकि अधिकांश जगह यह देखने को मिला है कि इंविजिलेटर स्टूडेंट्स को नकल करा रहे थे।

गजेन्द्र कुमार, डीआईओएस