सात लाख ने लगाई डुबकी

प्रशासन का अनुमान था कि इस बार मकर संक्रांति का योग दो दिनों तक रहने की वजह से 40 लाख से अधिक लोग गंगा में डुबकी लगाएंगे। जिसमें मंगलवार को साढ़े नौ लाख ने गंगा में डुबकी लगाई थी जबकि बुधवार को इस संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन, मौसम की बेरुखी ने श्रद्धालुओं को घर से निकलने नहीं दिया और दूसरे दिन महज सात लाख लोगों ने ही मेले में स्नान कर पुण्य कमाया। इनमें कल्पवासी और साधु-संन्यासी भी शामिल थे।

बारिश ने बिगाड़ा खेल

जानकारी के मुताबिक दोपहर बारह बजे तक 5 लाख श्रद्धालुओं के स्नान की सूचना दी जा रही थी। कहा जा रहा था कि शाम तक यह संख्या 8 से 10 लाख तक पहुंच जाएगी। वहीं दोपहर बारह बजे के बाद अचानक हुई जोरदार बारिश ने श्रद्धालुओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस तरह से दोपहर से शाम तक केवल दो लाख लोग ही डुबकी लगाने पहुंचे। देर शाम तक बढ़ रही गलने ने श्रद्धालुओं के हौसलों को तोडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी।

बढ़ गई भर्ती मरीजों की संख्या

मंगलवार को जहां मेला हॉस्पिटल में केवल सात मरीज भर्ती हुए थे वहीं बुधवार को इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई। एक सीरियस पेशेंट को सांस में इंफेक्शन के चलते एसआरएन हॉस्पिटल रिफर कर दिया गया। वहीं 650 मरीज हॉस्पिटल ओपीडी और 1050 मरीज मेला स्थित फस्र्ट एड पोस्ट पहुंचे। हेल्थ डिपार्टमेंट के डॉ। अरुण कुमार के मुताबिक इनमें से अधिकतर मरीज हाई बीपी और सांस की बीमारी के थे।

50 भूले-भटकों को भेजा गया घर

मेले में 50 भूले-भटके लोगों को शिविर के माध्यम से उनके परिजनों से मिलाया गया। वहीं मप्र के सागर जिले के दो लोगों को किराया देकर उनके घर को रवाना किया गया। डीएम राजशेखर ने बताया कि माघ मेला का पहला स्नान सकुशन संपन्न हो गया है। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर तलाशी अभियान चलाया।