-दीपा करमाकर को ब्राजील ओलंपिक का टिकट मिलने पर जिम्नास्टों में खुशी

-इलाहाबाद के खेलगांव स्कूल में जिम्नास्टिक की ट्रेनिंग ले चुकी हैं दीपा

-2013 में आयोजित नेशनल कैंप में किया था शिरकत, कोच डीएस नंदी भी थे मौजूद

ALLAHABAD:दीपा करमाकर को संगम नगरी से मिली सीख रास आ गई। 2013 में जब वह झलवा स्थित खेलगांव स्कूल में आयोजित नेशनल कैंप में ट्रेनिंग लेने आई थीं, तब किसी ने शायद ही सोचा हो कि दीपा को एक दिन ओलंपिक में जौहर दिखाने का मौका मिलेगा। इस तरह के तमाम कयासों और आशीष कुमार जैसे देश भर के दिग्गज जिम्नास्टों को पीछे छोड़ दीपा ने न सिर्फ ब्राजील ओलंपिक का टिकट हासिल किया, बल्कि देश के लिए पदक जीतने की उम्मीद भी जगा दी है। इलाहाबाद के जिम्नास्ट मानते हैं कि दीपा के अंदर पदक जीतने का माद्दा है और अगर किस्मत ने साथ दिया तो इस खेल में भारत को मेडल दिलाने वाली दीपा पहली भारतीय जिम्नास्ट होंगी।

ग्लासगो कॉमनवेल्थ से बढ़ी थी आस

ग्लासगो कॉमनवेल्थ 2014 में त्रिपुरा की दीपा करमाकर के साथ दिल्ली कॉमनवेल्थ 2010 में पदक जीतने वाले दिग्गज जिम्नास्ट आशीष कुमार भी साथ थे। सभी की निगाह इस बार भी संगमनगरी के आशीष पर ही थी। आशीष को तो इसमें पदक नहीं मिला, लेकिन दीपा करमाकर ने रजत पदक जीतकर देश को जिम्नास्ट में दूसरी बार मेडल दिलाने का गौरव हासिल कर लिया। दीपा पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट थी, जिनके खाते में कॉमनवेल्थ का पदक आया था। दीपा ने इसके बाद फिर मुड़ कर नहीं देखा।

यूके मिश्रा ने बढ़ाया था हौसला

दीपा करमाकर का इलाहाबाद से पुराना नाता रहा है। वह न सिर्फ खेलगांव स्कूल में आयोजित नेशनल जिम्नास्टिक कैंप का हिस्सा बनी थीं, बल्कि यहां 2011 में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में भी अपना जौहर दिखा चुकी हैं। खेलगांव स्कूल के चेयरमैन डा। यूके मिश्रा के मुताबिक दीपा शुरू से ही टैलेंटेड थी। उन्होंने कैंप और चैंपियनशिप में दीपा को बूस्ट किया, जिसके बाद उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया। यूके मिश्रा का दावा है कि दीपा इस बात को मानती हैं कि उन्हें इलाहाबाद से बहुत कुछ सीखने को मिला।

ओलंपिक में मिलेगा पदक

दीपा करमाकर के साथ नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके इलाहाबाद के जिम्नास्ट रोहित जायसवाल मानते हैं कि दीपा के अंदर पदक जीतने का माद्दा है। रोहित का दावा है कि वाल्टिंग हार्स में दीपा का कोई सानी नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने बड़ी आसानी से ब्राजील ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया, जबकि इससे पहले देश भर के कई बड़े खिलाड़ी भी क्वालीफाइंग राउंड में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन किसी को टिकट नहीं मिला।

दीपा करमाकर होनहार जिम्नास्ट है। ग्लासगो कॉमनवेल्थ में उन्होंने रजत पदक जीतकर इसे साबित कर दिया था। उनके अंदर गजब का टेंपरामेंट है। बदन में लचीलापन है, जिसकी वजह से वह निर्धारित टारगेट को आसानी से पूरा कर सकती हैं। उम्मीद है कि दीपा ओलंपिक में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाएंगी

यूके मिश्रा, चेयरमैन, खेलगांव स्कूल, सचिव, यूपी जिम्नास्टिक एसोसिएशन

दीपा का वाल्टिंग में कोई जोड़ नहीं है। यही वजह है कि वह क्वालीफाइंग राउंड में टॉप पर रहीं। खास बात यह है कि दीपा के खेल में दिन प्रतिदिन निखार आ रहा है। ऐसे में इसकी उम्मीद लगाई जा रही है कि वह ब्राजील ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतेंगी।

आशीष कुमार, दिल्ली कॉमनवेल्थ में पदक विजेता