ARA/PATNA: चुनावी नतीजे केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों के खिलाफ बढ़ रहे जनविक्षोभ, खासकर दलितों, आदिवासियों और किसानों के गुस्से की निर्णायक अभिव्यक्ति है। भाजपा को इन चुनावों में पूरी तरह मात खानी पड़ी है। यह बातें भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कही। उन्होंने कहा कि इन चुनावी नतीजों ने इस मिथ को ध्वस्त कर दिया है कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा चुनाव नहीं हार सकती, बल्कि ये इसकी संभावना को पुष्ट करती है कि जिस तरह जनता ने 1977 में कांग्रेस को आपातकाल व तानाशाही तथा 2004 में वाजपेयी सरकार को फर्जी शाइ¨नग इंडिया के लिए सबक सिखाया था, उसी तरह 2019 में मोदी सरकार केच् अच्छे दिन समेत तमाम झूठे दावों यानि जुमलों का वह करारा जवाब देगी। भाकपा माले के पूर्व महासचिव विनोद मिश्र के 20वें स्मृति दिवस पर चंदवा(रामनरेश राम नगर) के ग्रीन हेवन रेसॉर्ट(डीपी बख्शी सभागार) में आयोजित केन्द्रीय कमेटी के तीन दिवसीय पूर्णाधिवेशन के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में बेशक कांग्रेस को फायदा मिला है, लेकिन चुनाव प्रचार में 'नरम ¨हदुत्व' का कार्ड खेलने, राहुल गांधी का गोत्र तलाशने और 84 के दंगों के आरोपी कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने से कांग्रेस की विश्वसीनयता को गहरा धक्का पहुंचा है।