- 90 फीसदी लोगों के नहीं भरे गए हैं फॉर्म

- अधिकतर लोगों के नहीं बने हुए हैं बैंक अकाउंट

- कई लोगों को योजना तक ही नहीं है जानकारी

- लोगों को बुकिंग के बाद कई हफ्तों तक नहीं पहुंच रहे हैं गैस सिलेंडर

- आखिर कैसे मिलेगा डीबीटीएल योजना का फायदा?

Meerut : डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी योजना का फायदा एक जनवरी से शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। ताज्जुब की बात तो ये है मेरठ के कुछ लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। जो फॉर्म लेने जा रहे हैं उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर किसी कंज्यूमर का कनेक्शन बैंक अकाउंट से कनेक्ट हो भी गया तो उसे बुकिंग के बाद गैस नहीं मिल रही है। मतलब साफ है कि कंज्यूमर को इस योजना का फायदा उठाने के लिए कई तरह की अग्निपथ से होकर गुजरना पड़ रहा है।

नहीं भरे हैं फॉर्म

डीबीटीएल योजना के तहत पब्लिक को उनके गैस सिलेंडर की सब्सिडी का रुपया एक जनवरी से उनके खातों में जाना था। इसके विपरीत जब आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने सिटी की गैस एजेंसियों पर नजर दौड़ाई तो बेहद चौंकानी वाली बात सामने आई। सिटी के 90 फीसदी लोगों के गैस कनेक्शन खातों से कनेक्ट ही नहीं हो सके हैं। कई एजेंसियों में योजना के तहत मिलने वाले फॉर्म और जमा कराने की भीड़ ही लगी हुई है। जिसके कारण सिटी के गैस सिलेंडर कंज्यूमर को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

कईयों को योजना की नहीं है जानकारी

रिपोर्टर को गैस एजेंसियों पर कुछ ऐसे लोग भी मिले जिन्हें इस योजना के बारे में जानकारी तक नहीं है। शास्त्री नगर निवासी शाकिर ने बताया कि मैं तो गैस बुकिंग के लिए आया था। यहां आकर देखा तो सीन ही कुछ और चल रहा है। बाकी लोगों से पूछने पर पता चला कि इस तरह की योजना भी शुरू हुई है। शाकिर ने बताया न तो उन्हें गैस एजेंसी वालों ने इस बात की जानकारी दी और न ही मोबाइल फोन पर इस तरह की व्यवस्था का कोई मैसेज आया।

नहीं है पूरी जानकारी

रिपोर्टर को ऐसे कई लोग देखने को मिले, जिनके हाथों में फॉर्म तो थे लेकिन उनमें भरना क्या है? इसकी कोई जानकारी नहीं थी, जो फॉर्म घर से भरकर आए थे उन्हें देखकर कॉपी कर रहे थे। फॉर्म को हाथ में लिए इस्लामाबाद की रुखसार यही सोच रही थी कि आखिर इस फॉर्म को भरा कैसे जाए? रुखसार का कहना एजेंसी वालों ने जो फॉर्म दिया है वो अंग्रेजी में है। घर में भी कोई इतना पढ़ा लिखा नहीं है जो इसे भर सके। वहीं जागृति विहार के आलोक का कहना है कि पब्लिक को जो फॉर्म मिल रहा है उसे फिल करने में थोड़ी-थोड़ी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है। एजेंसी वालों को एक-एक डमी फॉर्म भर लोगों के लिए नोटिस बोर्ड पर लगा देने चाहिए थे। ताकि उन्हें देखकर फॉर्म आसानी से फिल कर सके।

नहीं है बैंक अकाउंट

पब्लिक पर मुसीबतों का पहाड़ टूटने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। कई लोगों को फॉर्म भी नहीं दिए गए। जब उन लोगों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके या उनके परिजनों के नाम पर गैस कनेक्शन हैं उनका बैंक में अकाउंट ही नहीं है। इस्लामाबाद के अब्दुल सत्तार ने बताया कि उनके बेटे के नाम से कनेक्शन है। मैं फॉर्म लेने के लिए आया था। उन्होंने पहले बैंक अकांउट के बारे में पूछा तो मना करने पर फॉर्म देने से ही इनकार कर दिया। अब बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए लाइन में लगना होगा।

कनफ्यूजन ही कनफ्यूजन

वहीं कई लोगों को सब्सिडी मिलने पर ही कनफ्यूजन है। कई लोग जनवरी से ही मिलने की बात कह रहे हैं। तो कई लोगों का कहना है कि मार्च से पहले कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी। कई गैस एजेंसी पर तो ऐसे कई लोगों को गु्रप में बहस करते हुए देखा गया। पब्लिक का कहना है कि सरकार का फैसला कभी कोई तुरंत लागू नहीं होता है। वहीं इस मसले पर गैस एजेंसी मालिकों का कहना है कि इस योजना की शुरूआत जनवरी से शुरू हो चुकी है। इस पर बहस करना पूरी तरह से बेकार है।

नहीं मिल रही है गैस

कई ऐसे कंज्यूमर भी टकराए जिनके गैस कनेक्शन बैंक अकाउंट से तो कनेक्ट हो गए हैं लेकिन उन्हें अब गैस सप्लाई नहीं हो रही है। लिसाड़ी निवासी गौरव ने बताया कि करीब हफ्ताभर पहले ही हमारा कनेक्शन का लिंक अकाउंट से कनेक्ट हो चुका है। पांच दिन से ऊपर बुकिंग कराए हुए हो गए है, लेकिन तक गैस नहीं पहुंची है। वहीं लिसाड़ी के ही अनुज की मानें तो करीब दो हफ्ते हो चुके हैं कि बुकिंग कराए, लेकिन गैस का कुछ भी पता नहीं चला है। ऐसे में पब्लिक यही मानकर चल रही है कि इस योजना से पब्लिक को गैस ही मिलनी बंद हो गई है।

लाखों की संख्या में कंज्यूमर्स

वहीं सिटी में कंज्यूमर्स की संख्या की बात करें तो पूरे जिले में ब्.भ् लाख गैस सिलेंडर के उपभोक्ता हैं, जिनमें से फ् लाख उपभोक्ता सिटी में ही मौजूद हैं। अगर डेली खपत की बात करें तो जिले में क्ख् हजार सिलेंडर डेली खपत होते हैं। वहीं सिटी में ये संख्या करीब 8 हजार उपभोक्ताओं की है। अगर गैस एजेंसी की संख्याओं के बारे में बात करें तो जिले में ब्0 गैस एजेंसी है। सिटी में फ्0 एजेंसी है।

फैक्ट एंड फिगर

- जिले में गैस कनेक्शन की संख्या ब्.भ् लाख।

- सिटी में गैस कनेक्शन की संख्या फ् लाख।

- रोजाना जिले में सिलेंडर की खपत क्ख्000.

- रोजाना सिटी में सिलेंडर की खपत 8000.

- जिले में कुल गैस एजेंसी की संख्या ब्0.

- सिटी में कुल गैस एजेंसी की संख्या फ्0.