- डायरेक्टर हेल्थ (एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ सीएमएसडी के डायरेक्टर भी हैं हृदय शंकर तिवारी

- बिना शासन के अप्रवूल के ही फाइनल किए आयरन ओर अल्बेंडाजोल के टेंडर

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW :

स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर हेल्थ (एडमिनिस्ट्रेशन) हृदय शंकर तिवारी को दवाओं के दलाल ने इनकम टैक्स के शिकंजे में फंसा दिया। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक दवाओं के दलाल ने उनसे अपनी कंपनी को दवा सप्लाई के लिए दो दिन पहले ही ठेका दिला दिलाया और उसके लिए दलाली की बड़ी रकम डायरेक्टर सीएमएसडी व डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन को पहुंचाई। साथ ही इसकी जानकारी तुरंत इनकम टैक्स अधिकारियों को भी दे दी। पुख्ता सूचना पर इनकम टैक्स अधिकारियों ने बिना देरी किए हृदय शंकर तिवारी के ठिकानों पर छापा मारा और 1.21 करोड़ रुपये की काली कमाई बरामद की।

नकदी का ढेर देख हो गये हैरान

सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स विभाग को पुख्ता जानकारी मिली थी डायरेक्टर हेल्थ के घर पर बड़ी रकम कैश में मौजूद है। बिना समय गंवाए की गयी छापेमारी में बुधवार को उनके घर पर नकदी का ढेर देख इंकम टैक्स अधिकारी भी हैरान रह गये। आनन-फानन में नोट काउंटिंग मशीन मंगाई गयी और रात भर कैश को गिना जाता रहा। डायरेक्टर हेल्थ के आवास पर टीम जिस अलमारी को खोलती थी, उसमें उनकी काली कमाई का जखीरा छिपा मिलता था। दरअसल यह रकम हृदय शंकर तिवारी को दवाओं का ऑर्डर जारी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के एक दलाल के हाथों मिली थी। यह वही दवा का दलाल है जो पूर्व में एनआरएचएम घोटाले में फंसा था और बाद में सीबीआई ने उसे सरकारी गवाह बनाकर स्वास्थ्य विभाग के कई पूर्व मंत्रियों और अधिकारियों पर कानून का शिकंजा कसा था।

शासन से नहीं ली अनुमति

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार हृदय शंकर तिवारी ने दो दिन पहले ही दो टेंडर को अप्रूवल देते हुए कंपनी को ऑर्डर जारी किया था। जिसके बदले उन्हें मोटी रकम दी गई। आयरन व अल्बेंडजोल (कीड़े मारने की दवा) टेबलेट की स्वास्थ्य विभाग को सप्लाई करने के लिए दोनों ही टेंडर लास्ट ईयर अगस्त माह में जारी किए गए थे। इनकी खरीद नेशनल हेल्थ मिशन के द्वारा होती है, लेकिन इसके लिए कंपनियों के साथ रेट कांट्रेक्ट स्वास्थ्य विभाग का चीफ मेडिकल स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएमएसडी) ही करता है।

स्वास्थ्य विभाग के नियमों के मुताबिक 120 दिन के बाद टेंडर कालातीत हो जाता है। इसके बाद टेंडर को फाइनल करने के लिए पहले शासन से अनुमति लेनी होती है। डायरेक्टर सीएमएसडी हृदय शंकर तिवारी की टीम ने अन्य सभी टेंडर के लिए तो शासन ने अप्रूवल लिया था लेकिन आयरन व अल्बेंडाजोल दवाओं की सप्लाई के लिए कोई परमीशन न लेकर खुद ही इसकी अनुमति दे डाली।

50 करोड़ करोड़ की होनी थी सप्लाई

नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2017-18 के लिए लगभग 35 करोड़ की अल्बेंडाजोल और लगभग 13 से 15 करोड़ की आयरन टेबलेट खरीदी जानी हैं। सूत्रों के मुताबिक इन्हीं की सप्लाई के लिए दवाओं के दलाल ने डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन को फंसा दिया।

सीएमएसडी के पास जवाब नहीं

मामले में जब सीएमएसडी के ज्वाइंट डायरेक्टर एके सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया कि दवाएं जरुरी वस्तु में आती हैं जिनके लिए अप्रूवल लेना आवश्यक नहीं है। लेकिन अन्य सभी टेंडर के लिए अप्रूवल क्यों लिया गया इसका वह जवाब नहीं दे सके। उन्होंने स्वीकार किया कि इसी दवा के दलाल की कंपनी को सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया गया है।

टेंडर के लिए दोबारा अनुमति नहीं ली गई। इसकी जानकारी की जाएगी।

- अरुण सिन्हा, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य