कार नहीं दिल पर चोट

अरे सुनील बाबू नई गाड़ी बढिय़ा हैं लेकिन ये क्या आपकी नई गाड़ी तो पुरानी लगने लगी है। क्या कहें मैं तो एन्क्रॉचमेंट और डेंट की प्रॉब्लम से तंग हो चुका हूं। अभी हाल ही में गाड़ी खरीदी थी। मगर इसकी दुर्दशा देखकर ऐसा लगता है मानों वर्षों पुरानी हो गई है। कमोबेश यह हाल यहां की हर कार की है।

Mismanaged traffic

कार लेकर शहामतगंज होकर स्टेडियम रोड की तरफ जा रहे हैं, तो दिल को जरा मजूबत कर लीजिए। यहां का मिस मैनेज्ड ट्रैफिक समय ही खराब नहीं करता वरन नई नवेली कार को भी चोट पहुंचाता है। इसकी वजह यहां से गुजरने पर कार में लगने वाला एक नया डेंट है। शहामतगंज से होकर जाने वाले कार ओनर के लिए तो हर दूसरे दिन गैराज में जाना मजबूरी बन गई। इस प्रॉब्लम  से सबसे ज्यादा एफेक्टेड स्टेडियम रोड की कॉलोनियों में रहने वाले लोग होते हैं। इसकी वजह उन्हें सिविल लाइंस की तरफ आने के लिए शहामतगंज के अव्यवस्थित ट्रैफिक से होकर आना पड़ता है। वहीं अगर वह बाईपास से निकलकर आते हैं तो उन्हें सात किलोमीटर का एक्स्ट्रा सफर तय करना पड़ता है।

Pocket पर भारी traffic

शहामतगंज से निकलकर कर आना जेब पर भी भारी पड़ता है। अगर कार में डेंट लग गया तो उसे सही कराने में मैकेनिक को पेमेंट करना होता है। डेंट को ठीक कराने के लिए अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है। इससे बचने के लिए अगर आप बाईपास से होकर आते हैं तो आपको सात किलो मीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है। इस वजह से पेट्रोल के रूप में एक्स्ट्रा खर्च करना पड़ता है और टाइम भी बर्बाद होता है।

एकाध डेंट पर ध्यान नहीं

सोर्स के मुताबिक एक दिन में 15 से 20 कारें डेंट की प्रॉब्लम के चलते गैरेज में आ जाती हैं। इस हिसाब से पूरे बरेली के गैरेज में पर मंथ सात सौ से आठ सौ कारें डेंट रिपेयरिंग के लिए मैकेनिक के पास आती हैं। हालांकि बहुत से कार ओनर ऐसे भी हैं जो एकाध डेंट पर ध्यान नहीं देते हैं। लिहाजा आंकड़े और अधिक हो सकते हैं।

Encroachment से problem

शहामतगंज में निष्क्रिय ट्रैफिक पुलिस और व्यापारियों का रोड पर किया गया अतिक्रमण कार ओनर्स के लिए सिरदर्द बन चुका है। दरअसल यहां से गुजरने के वाले कार ओनर्स को एक तरफ अव्यवस्थित टै्रफिक से होकर निकलना पड़ता है, तो वहीं दूसरी तरफ सड़क पर रखे दुकानदारों के सामान से कार को बचाना पड़ता है। वहीं दुकानों पर आने वाले कस्टमर्स के व्हीकल्स भी सड़क पर ही खड़े रहते हैं। इससे सड़क की चौड़ाई और भी कम हो जाती है।

मैंने छह महीने पहले ही नई सेंट्रो कार खरीदी है। माडल टाउन से निकलकर आने में शहामतगंज से होकर आना पड़ता है। नई कार में एक महीने के भीतर ही कई डेंट लग गए। छह महीने में ही कार वर्षों पुरानी लगने लगी है। सड़क पर अतिक्रमण ही इसकी वजह है।

-जसपाल सिंह चावला, बिजनेसमैन

शहामतगंज से गुजरते हुए ऑटो वाले ने साइड मार दी थी। नई कार का तो स्ट्रक्चर ही बिगड़ गया है। अब कर भी क्या सकते हैं। निकलना तो वहीं से है। जब तक पुलिस प्रशासन ट्रैफिक स्मूद नहीं करेगा तब तक कारें सलामत नहीं रह सकती हैं।

-राघव अग्रवाल, बिजनेसमैन

प्रशासन शहामतगंज से अतिक्रमण हटवाए तो व्यापारी पूरी तरह सहयोग करने को तैयार हैं। पर यह अभियान निष्पक्ष रूप से चलाया जाना जरूरी है।

-दुर्गेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, व्यापार मंडल

एसपी ट्रैफिक तो लीव पर हैं। मैं सीओ ट्रैफि क से कहकर संजयनगर बाईपास से वनवे प्लान को स्ट्रिक्टली फॉलो कराने को कहूंगा। जल्द ही ट्रैफिक व्यवस्था सुधर जाएगी।

-अतुल सक्सेना, एसपी सिटी

अतिक्रमण हटाने के लिए हम टाइम टु टाइम अभियान चलाते हैं। अभियान खत्म होते ही व्यापारी फिर से सड़क पर दुकानें लगा लेते हैं। जल्द ही फिर से अभियान चलाया जाएगा।

-डीके सिन्हा, उप नगर आयुक्त