- मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इलेक्शन ऑफिसर्स ने सौ फीसदी वोटर स्लिप-वोटर आईडी डिस्ट्रिब्यूशन का किया था दावा

- चुनाव वाले दिन पोलिंग बूथों के बाहर दिन भर वोटर स्लिप-आईडी कार्ड बांटते रहे बीएलओ

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KANPUR : चुनाव से एक दिन पहले जिला प्रशासन ने प्रेस कांफ्रेंस करके वोटर स्लिप और वोटर आईडी का‌र्ड्स के शत-प्रतिशत डिस्ट्रिब्यूशन का दावा किया था। मगर, ख्ब् अप्रैल को अफसरों का झूठ सामने आ गया। सुबह से लेकर शाम तक पोलिंग बूथों पर बीएलओ मतदाता पर्चियां और वोटर आईडी कार्ड बांटते नजर आए।

दिन भर मारामारी

वोटर स्लिप और वोटर आईडी कार्ड के लिए पोलिंग बूथों पर दिनभर मारामारी होती रही। सेंट जेवियर्स में बीएलओ ने नरेन्द्र कुमार तोलानी, गंगा तोलानी, मनी माला समेत एक दर्जन वोटर आईडी कार्ड पब्लिक को मौके पर दिए। वहीं एमपीईसी स्कूल शारदा नगर में बीएलओ मतदाता पर्ची बांटते रहे। पिंकी गौतम, पप्पू गौतम, सुभाष चन्द्र शर्मा व जितेन्द्र श्रीवास्तव को भी वोटर स्लिप नहीं मिल सकी। जिससे उन्हें काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी।

कई जगह नोकझोंक

वोटर स्लिप नहीं मिलने की वजह से वोटर्स और बीएलओज के बीच नोकझोंक भी हुई। आईआईटी टाइप-ख् कम्यूनिटी सेंटर पर बने पोलिंग सेंटर पर गजेन्द्र सिंह ने तो मतदान कर दिया, लेकिन उनके बेटे जीतेन्द्र को वापस लौटा दिया गया। तर्क था कि वोटर स्लिप नहीं है। इस पर गजेन्द्र की वहां मौजूद महिला बीएलओ से नोकझोंक हो गई। बोले, जब फादर का वोट है तो बेटे का वोट क्यों नहीं इसी तरह की प्रॉब्लम अन्य पोलिंग बूथों पर सामने आईं।