- दून में बनाये गये हैं तीन आपदा कंट्रोल रूम

- तहसील के कंट्रोल रूम में एक टेलीफोन तक नहीं

-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया कंट्रोल रूम का रिएलिटी चेक

DEHRADUN : सोमवार को मौसम विभाग ने दून में एक या दो दिन भारी बारिश की चेतावनी दी थी और इस चेतावनी को देखते हुए शासन स्तर से जिला प्रशासन को और प्रशासन की ओर से सभी आपदा कंट्रोल रूम्स को स्थित पर हर समय नजर रखने के लिए कहा गया था। आपदा जैसी किसी भी स्थिति के लिए दून में तीन आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित हैं। इनमें एक नगर निगम में, दूसरा तहसील में और तीसरा डीएम कार्यालय परिसर में है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोमवार दोपहर इन कंट्रोल रूम्स की स्थिति का जायजा लिया नगर निगम और तहसील स्थित कंट्रोल रूम में स्थिति बहुत खराब नजर आई। तहसील स्थित कंट्रोल रूम में तो एक फोन लाइन तक उपलब्ध नहीं है। यहां सारा काम एक कर्मचारी के भरोसे चल रहा है। राज्यस्तरीय आपदाकालीन नियंत्रण कक्ष सचिवालय में बनाया गया है।

ऐसे निपटेंगे आपदा से

तहसील स्थित आपदा कंट्रोल रूम में एक अदद टेलीफोन तक नहीं है। हालांकि नायाब तहसीलदार इस कंट्रोल रूम के प्रभारी हैं, लेकिन कंट्रोल रूम चलाने का कम प्रेमसिंह नामक कर्मचारी के जिम्मे है। उन्हें यह काम अपनी नियमित ड्यूटी से अतिरिक्त दिया गया है। उनकी टेबल ही तहसील स्तर का कंट्रोल रूम है, जहां एक लैंड लाइन टेलीफोन तक नहीं है।

क्या-क्या है सामान

इस कंट्रोल रूम को आपदा से निपटने के लिए जो सामान उपलब्ध कराया गया है, उसमें ब् स्पीलिंग बैग, एक स्ट्रेचर, एक साउंड स्पीकर, फ् हेलमेट-दो टार्च वाले और एक बिना टार्च का, ख् चटाई और ख् रेनकोट शामिल है। प्रेम सिंह का कहना है कि जब भी कोई आपदा की स्थिति होती है तो वे तहसीलदार और क्षेत्र के पटवारी के अलावा आसपास के पटवारियों को भी सूचित करते हैं। सभी अपनी-अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचते हैं।

आपदा का नंबर पर्सनल बातचीत में बिजी

नगर निगम ने भी आपदा की संभावना के चलते अपना कंट्रोल रूम स्थापित किया है। इस कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी जेई दिनेश शर्मा हैं। कंट्रोल रूम एक हॉल के कोने में दो कुर्सियां, एक मेज, एक रजिस्टर और एक लैंडलाइन टेलीफोन द्वारा स्थापित किया गया है। हॉल के बाकी हिस्से में आधार कार्ड बनाने काम चल रहा है। यहां सोवेन्द्र रावत नामक कर्मचारी मिले, उनके साथ दूसरी कुर्सी पर उनका कोई जानकार बैठा था। फोन पर वे किसी के साथ लम्बी बातचीत में व्यस्त थे। सोवेन्द्र रावत के अनुसार कंट्रोल रूम में एक समय में 7 लोगों की ड्यूटी होती है। बाकी लोग कहां हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बाकी लोग राष्ट्रपति ड्यूटी में हैं।

क्या-क्या उपकरण

नगर निगम का कंट्रोल रूम तहसील के मुकाबले अधिक सम्पन्न है। कंट्रोल रूम के कर्मचारी की मानें तो उनके पास ख् जेसीबी, फ् बोलेरो, सीवर पंप, क्भ् फील्ड कर्मचारी, क्0 ड्राइवर, सुपरवाइजर आदि उपलब्ध हैं और सभी हर समय अलर्ट मोड में रहते हैं। अभी तक जितनी शिकायतें मिली हैं, उनके पीडब्ल्यूडी से संबंधित भ्-म् शिकायतों को छोड़कर बाकी शिकायतें दून कर दी गई हैं।

जिला कंट्रोल रूम है दुरुस्त

नगर निगम और तहसील के मुकाबले डीएम कार्यालय परिसर का जिला स्तरीय कंट्रोल रूम कुछ चुस्त-दुरुस्त नजर आया। यह कंट्रोल रूम ख्ब् घंटे चलाया जा रहा है और कुल 9 कर्मचारी तीन शिफ्ट में ड्यूटी दे रहे हैं। इनमें एक डेटा एंट्री ऑपरेटर, एक प्रवर सहायक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल है। इस कंट्रोल में सभी कर्मचारी संविदा पर काम करने वाले हैं, इनमें जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भी शामिल हैं। इस कंट्रोल रूम में कोई भी सूचना मिलने पर संबंधित विभागों को भेज दी जाती है।

क् जुलाई से कहां कितनी शिकायतें

जिला स्तरीय कंट्रोल रूम - क्9ख्

तहसील स्तरीय कंट्रोल रूम - क्ब्7

नगर निगम कंट्रोल रूम - ब्7

जिला और तहसील स्तर पर बनाये कंट्रोल रूम एक तरह से इंफॉर्मेशन यूनिट हैं। आपदा राहत कार्य कई विभाग मिलकर करते हैं। जब भी कंट्रोल रूम में कोई भी सूचना मिलने पर उसे संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेज दिया जाता है। इसके अलावा राहत और बचाव कार्य के दौरान कंट्रोल रूम विभिन्न विभागों और राहत कार्य में जुटे कर्मचारियों के बीच सूचना के आदान-प्रदान का कार्य करते हैं।

-दीपशिखा रावत, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी