यशपाल आर्य की ना के बाद फैसला करने में लग गए चार महीने

-बहुगुणा सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री का जिम्मा आर्य के पास ही था

- भंडारी को मिलेगा इस मंत्रालय में काम करने के लिए बहुत ही कम वक्त

DEHRADUN: राज्य के लिहाज से सबसे अहम आपदा प्रबंधन मंत्रालय पर मंत्रियों की ना के बीच झूलते हुए अब सीएम हरीश रावत ने फैसला कर ही लिया है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय अब कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी देखेंगे। इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिया गया। जुलाई में यह मंत्रालय यशपाल आर्य को दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे मंजूर नहीं किया। इसके बाद, अब भंडारी को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। मगर यह निर्णय करते-करते चार महीने का समय लग गया।

पहले आर्य ही थे आपदा प्रबंधन मंत्री

विजय बहुगुणा के समय आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्य ही थे, लेकिन केदारनाथ की त्रासदी के बाद यह मंत्रालय सीएम हरीश रावत ने अपने पास रख लिया था। इसके बाद, इस वर्ष सियासी संग्राम में पास हो जाने के बाद जब सरकार बहाल हुई, तो एक बार फिर इस मंत्रालय की जिम्मेदारी यशपाल आर्य को देने का निर्णय हुआ। जुलाई में इसके आदेश किए गए, लेकिन यशपाल आर्य ने इसे ठुकरा दिया।

ऐसे हालात में क्या होगा हासिल

यह विडंबना रही कि जुलाई से लेकर अक्टूबर तक आपदा प्रबंधन मंत्रालय को लेकर असमंजस की स्थिति रही। विभाग यशपाल आर्य को दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे संभाला नहीं। तकनीकी तौर पर सीएम ही आपदा प्रबंधन मंत्री रहे। इस असमंजस के चलते विभागीय कार्य प्रभावित हुआ। अब जबकि, चुनाव आचार संहिता लागू होने में बहुत कम समय रह गया है, तब राजेंद्र भंडारी को यह मंत्रालय देने के औचित्य पर बहस शुरू हो गई है।