- मेरठ के व्यापारियों से माल उड़ाकर दिल्ली में सौदा करते धरे गए

- पुलिस ने होंडा सिटी के साथ सामान से भरे छह ट्रक कब्जे में लिए

Meerut@inext.co.in

Meerut : महानगर के सॉस ग्रुप कंपनी खोलकर आठ बड़े व्यापारियों को ढाई करोड़ का चूना लगाकर फरार हुए गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस ने पकड़ लिया। उनके कब्जे से दिल्ली में गोदाम के अंदर रखे गए पूरे माल की रिकवरी की गई। साथ ही एक होंडा सिटी भी बरामद की गई। तीन आरोपी अभी फरार हैं।

पुलिस ने किया गिरफ्तार

रेलवे रोड पुलिस और आईजी आलोक शर्मा की सर्विलांस टीम के प्रभारी प्रशांत कपिल की संयुक्त टीम ने महानगर के व्यापारी को ढ़ाई करोड़ का चूना लगाकर फरार हुए गैंग को दिल्ली में दबोचा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के पटेल नगर निवासी ऋषि वर्मा उर्फ अमन, गौरव रस्तोगी, सतीश एवं विकास समेत पांच युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि गैंग का सरगना लखनऊ का इकबाल उसके साथी अतुल एवं राहुल अभी फरार हैं।

ये था मामला

पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने रेलवे रोड के रानी मिल स्थित गीता एंकलेव प्लाट नंबर 8म् में सॉस ग्रुप कंपनी का ऑफिस खोलकर महानगर के आठ बड़े व्यापारियों को एचडीएफसी बैंक का चेक देकर ढाई करोड़ का माल खरीदा। रातों रात ही कंपनी के कर्मचारी फरार हो गए। पुलिस सर्विलांस के जरिए गैंग तक पहुंच गई। गैंग के सदस्य ऋषि वर्मा उर्फ अमन दिल्ली में अपने साथियों के साथ माल को बेचने का सौदा कर रहा था। पुलिस ने होंडा सिटी और छह ट्रकों में भरे माल को बरामद कर लिया है। फरार सदस्यों को पकड़ने के लिए दबिशें दी जा रही है।

ऐसे शुरू किया था ठगी का धंधा

ऋषि वर्मा, गौरव और राहुल दिल्ली से मेरठ पहुंचे। उन्होंने पहले फर्जी आइडी पर पंद्रह सिम खरीदे। इसके बाद एक ऑफिस लिया। अखबार के माध्यम में कंपनी में कर्मचारियों की भर्ती निकाली। पूनम सहानी को इस कंपनी का मैनेजर बनाया गया। सभी को फर्जी आइडी पर खरीदे गए सिम मुहैया कराए, जिन पर एक दूसरे से वार्ता करते थे। ऋषि वर्मा अंग्रेजी बोलने का मास्टर है, उसने अंग्रेजी में बातें कर महानगर के बड़े आठ व्यापारियों को अपने झांसे में ले लिया।

चेक से किया था भुगतान

व्यापारियों को बताया गया कि, उनकी कंपनी बड़े ट्रस्टों में माल की सप्लाई करती है। व्यापारियों से पहले छोटी रकम में माल खरीदा। इसके बाद ढाई करोड़ का माल खरीदकर चेक से भुगतान कर दिया। इसके बाद कंपनी बंद कर सभी फरार हो गए। सभी चेक बाउंस होने के बाद व्यापारियों को ठगी का पता चला। आइजी को शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया।