राजेश हत्याकांड का लोगो लगाएं

-वकील राजेश हत्याकांड का खुलासा, दो शार्प शूटर समेत तीन अभियुक्त गिरफ्तार

-होटल क्राउन के मालिक ने बिचौलियों के माध्यम से तीन लाख में दी थी सुपारी

-एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने लखनऊ में किया हत्याकांड का खुलासा

ALLAHABAD: इसी महीने की दस मई को कर्नलगंज थाना क्षेत्र के मनमोहन पार्क के पास वकील राजेश श्रीवास्तव की दिनदहाड़े हुई हत्या का खुलासा हो गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार और एसटीएफ आईजी अभिताभ यश ने इस हत्याकांड का खुलासा लखनऊ में किया है। मामले में पकड़े गए तीनों अभियुक्त प्रतापगढ़ के हैं। पुलिस के मुताबिक विशाल ने राजेश श्रीवास्तव को गोली मारी थी। उसका साथी रईस उस समय बाइक चला रहा था। पुलिस के मुताबिक घटना के पीछे क्राउन प्लाजा होटल के मालिक प्रदीप जायसवाल का हाथ था। प्रदीप ने राजेश की हत्या नगर निगम के नाले पर अवैध कब्जे के विरोध में करवाई थी। हालांकि अभी दो आरोपी फरार बताए गए हैं, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। पुलिस ने शूटर विशाल के पास से 315 बोर के दो तमंचे, दो खोखे, 6 जिंदा कारतूस और 3 मोबाइल बरामद किए हैं।

दी गई थी सुपारी

पुलिस के मुताबिक जेल में बंद होटल मालिक प्रदीप जायसवाल के करीबी घनश्याम अग्रहरि और अंजनी श्रीवास्तव ने शमशाद के जरिए शार्प शूटर विशाल और मो रईस को हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने यह भी बताया कि अंजनी लाल श्रीवास्तव छोटा राजन के अलावा, इलाहाबाद के श्लोक पंडित, बच्चा पासी, आनंद मेहरा, अनिल साहू का करीबी है और कई घटना में शामिल भी रहा है।

शमशाद ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अंजनी की बहन की शादी उसके गांव में हुई थी। कुछ दिनों तक अंजनी ने गांव में ही मोबिल ऑयल की दुकान खोली थी, तभी उसका सम्पर्क उससे हुआ था। शमशाद के मुताबिक अधिवक्ता राजेश की हत्या के लिए घनश्याम और अंजनी के जरिए होटल मालिक प्रदीप जायसवाल ने दो लाख रुपए में सुपारी दी थी। साथ ही काम होने के बाद एक लाख रुपए खुशी के तौर पर देने की बात कही थी। घटना को अंजाम देने के लिए पांच हजार रुपए में चोरी की बाइक का इंतजाम किया गया। इसके बाद तीन दिनों तक अधिवक्ता की रेकी करने के साथ ही हत्याकांड को अंजाम देने के लिए रिहर्सल किया गया।

एक नजर में पूरी साजिश

-पुलिस के मुताबिक प्रतापगढ़ से पकड़े गए शूटर विशाल ने ही राजेश को गोली मारी थी। उस दौरान उसका साथी शूटर रईस बाइक चला रहा था।

-इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए तीन लाख रुपए में मामला डन हुआ था।

-पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि राजेश श्रीवास्तव को गोली मारनेके लिए शूटरों को तीन दिन का समय लगा।

-इन तीन दिनों में शूटरों ने राजेश श्रीवास्तव को गोली मारने की कई कोशिशें की लेकिन वह सफल नहीं हो पाए।

-शमशाद लगातार तीन दिनों तक राजेश श्रीवास्तव के घर के बाहर से मुखबिरी कर रहा था।

-दस माई को घटना वाले दिन घनश्याम लगातार रईस और शमशाद के सम्पर्क में थे।

-राजेश की लोकेशन घनश्याम द्वारा शूटरों को दी जा रही थी।

-मनमोहन पार्क के पास पहुंचते ही पीछा कर रहं शूटरों में पीछे बैठे विशाल ने बैग में रखे तमंचे को निकाल कर अधिवक्ता के कनपटी पर फायर कर दिया।

-इसके बाद दोनों विकास भवन के पास बाइक खड़ीकर लक्ष्मी चौराहा पहुंचे।

-वहां पहले से ही घनश्याम, अंजनी और शमशाद मौजूद थे।

-शूटरों को दो लाख रुपए देने के बाद शमशाद, विशाल और रईस तीनों चार पहिया कार से प्रतापगढ़ चले गए।