शासन के निर्देश पर होगा एमडीए और आवास-विकास की जमीन का ऑडिट

कंसल्टेंट एजेंसी को दिया गया काम जल्द शुरू होगा

Meerut। विभागीय अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर भू-माफियाओं ने मेरठ विकास प्राधिकरण और आवास-विकास परिषद की करोड़ों की जमीन को कौडि़यां देकर कब्जा कर रखा है। मौके पर जमीन बिल्डर के कब्जे है तो दस्तावेजों में संबंधित विभाग मालिक बना बैठा है। मेरठ की विभिन्न आवासीय योजनाओं में ऐसे प्रकरण हैं, जहां पर सरकारी जमीन पर भू-माफिया कब्जा जमाए बैठे हैं। लगातार शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए शासन ने अब एमडीए व आवास-विकास की जमीनों के ऑडिट का निर्देश दे दिया है।

शताब्दीनगर में सर्वाधिक प्रकरण

शताब्दीनगर आवासीय योजना में एमडीए की ज्यादातर जमीन पर बिल्डर्स ने मिलीभगत कर कब्जा किया हुआ है। इसी तरह आवास-विकास परिषद की जागृति विहार और जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में जमीन दस्तावेजों तो विभाग के नाम है किंतु मौके पर भू-माफिया काबिज है। लिपिकों और अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन में बड़े स्तर पर हेराफेरी होती है। यही नहीं जमीनों का बैनामा भी कई-कई बार किया जाता है।

पीओए का बड़ा खेल

किसी की संपत्ति की पावर ऑफ अटार्नी बदलकर दूसरे बेच दी जाती है। इसमें प्राधिकरण के भी कर्मचारी शामिल होते हैं। जिन जमीनाें की रजिस्ट्री हो जाती है, उन्हें ऑनलाइन फीड नहीं किया जाता है। अब इन सब खेलों के पीछे छिपे लोग पकड़ में आएंगे क्योंकि अब एमडीए व आवास-विकास परिषद की जमीन का ऑडिट शुरू होगा। जैसे ही ऑडिट शुरू होगा तो उससे जुड़ी हुई गड़बड़झाले की फाइलें खुलती चली जाएगी। राज्य सरकार ने जमीनों के ऑडिट के लिए एक कंसल्टेंट कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी है।

इस संबंध में शासन से निर्देश प्राप्त हुआ है। मेरठ समेत विभिन्न जनपदों के विकास प्राधिकरण और आवास- विकास परिषद की जमीन का ऑडिट किया जाएगा। यह काम कंसल्टेंट एजेंसी को दिया गया है।

साहब सिंह, एमडीए वीसी