माघ मेला में जुटे संतों की बैठक में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने पर हुई चर्चा

संत कश्मीर घाटी में तोड़े गए मंदिरों के निर्माण के लिए पीएम से लगाएंगे गुहार

अखिल भारतीय संत समिति की दो दिवसीय बैठक में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर हुई चर्चा

ALLAHABAD: अखिल भारतीय संत समिति की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का त्रिवेणी मार्ग स्थित जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के शिविर में रविवार को समापन हो गया। इस अवसर पर मौजूद संत महात्माओं ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के गंभीर मुद्दों पर बेबाकी के साथ राय रखी। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में हजारों मंदिरों को तोड़ दिया गया था। आज भी वहां टूटे फूटे मंदिरों के अवशेष हैं। तय किया गया कि भारत सरकार से मांग की जायेगी कि इन मंदिरों का निर्माण करवाकर उन मंदिरों के जीवित पुजारियों को सौंप दिया जाये। इसके लिए आगामी 07 और 08 अप्रैल को हरिद्वार में पूरे देश के संत जुटेंगे और कोर कमेटी की बैठक में कार्ययोजना तैयार की जायेगी।

बलूचिस्तान को घोषित करें स्वतंत्र राष्ट्र

बैठक में कहा गया कि मस्जिद और गिरिजाघरों की तरह ही मठ-मंदिरों का अधिग्रहण न किया जाये। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संवैधानिक पत्र लिखा जायेगा। मांग रखी गई कि बलूचिस्तान के हिंगलाजभवानी मंदिर तक जाने के लिए हिंदूओं को खुली छूट दी जाये। यदि इस कार्य में कोई अड़चन आए तो बलूचिस्तान को संयुक्त राष्ट्र संघ से स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करवाने के लिए अभियान चलाया जायेगा। पीएम से आग्रह किया जाएगा कि वे हिंगलाजभवानी मंदिर से जुड़ी संतों की मांग को पुरजोर तरीके से अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर उठायें।

संत समाज को बदनाम करने से बचें

बैठक में तय किए गए मसलों की बावत जानकारी देते हुए राष्ट्रीय महामंत्री जितेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि पाक अधिकृत कश्मीर में शारदापीठ की सुरक्षा और हिंदुओं के दर्शन के लिए आवाजाही को स्वतंत्र बनाने के लिए जनअभियान चलाया जायेगा। संतों ने मीडिया से अपील की है कि गलत क्रिया कलापों में लिप्त बाबाओं के चलते समूचे संत समाज को बदनाम करने से बचें।

धर्म परिवर्तन नियंत्रण कानून लाएं

बैठक में देश में किए जा रहे धर्म परिवर्तन के कार्य पर चर्चा की गई। संतों ने तय किया कि केन्द्र सरकार से मांग करेंगे कि देश में धर्म परिवर्तन पर लगाम कसने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून एवं धर्म परिवर्तन नियंत्रण कानून को अमल में लाया जाये। इस अवसर पर जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, जगतगुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, संत समिति के अखिल भारतीय अध्यक्ष कैवल्य ज्ञान पीठाधीश्वर, आचार्य अविचल दास, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष सुरेन्द्र गिरी, महामंडलेश्वर मनमोहनदास, राष्ट्रीय नेतृत्व से अनिमेषानंद सरस्वती, नरसिंह दास, स्वामी विनोदानंद सरस्वती, दंडी सन्यासियों की ओर से रामदेव आश्रम, दंडी स्वामी ब्रह्म्दत्तपुरी तथा पीओके और जम्मु कश्मीर की समस्या पर बात रखने के लिए ब्रह्मचारी वागीस स्वरुप जी आदि मौजूद रहे।

बैठक की मुख्य बातें

- संत केन्द्र सरकार से देश में जनसंख्या नियंत्रण एवं धर्म परिवर्तन नियंत्रण कानून को अमल में लाने की मांग करेंगे

- पाक अधिकृत कश्मीर में शारदापीठ की सुरक्षा और हिंदुओं के दर्शन के लिए आवाजाही को स्वतंत्र बनाने के लिए संत चलाएंगे जनअभियान

- संतों की चेतावनी, गलत क्रिया कलापों में लिप्त बाबाओं के चक्कर में पूरे संत समाज को बदनाम करने से बचे मीडिया

- बलूचिस्तान के हिंगलाजभवानी मंदिर तक जाने के लिए हिंदूओं को खुली छूट दी जाये

- मस्जिद और गिरिजाघरों की तरह ही मठ-मंदिरों का अधिग्रहण न किया जाये

- कश्मीर घाटी में तोड़े गए मंदिरों का निर्माण करवाकर उनके जीवित पुजारियों को सौंपा जाये

- आने वाले 07 और 08 अप्रैल को हरिद्वार में पूरे देश के संत जुटेंगे और इन मुद्दों को लेकर सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे