RANCHI: हर दिन तेल की कीमतों में उछाल को लेकर आम और खास दोनों वर्ग के लोग परेशान हो चुके हैं। गाड़ी का उपयोग करने वालों को दरकिनार कर भी दिया जाये तो किसान भी आज बढ़ती डीजल की कीमतों को लेकर परेशान हैं। डीजल की कीमत बढ़ने से सिंचाई का खर्च तो बढ़ा ही है साथ ही ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी बढ़ गया है, जिसकी वजह से खाद्य सामग्री के दाम आसमान छूने लगे हैं। सभी आय वर्ग के लोगों का कहना है कि तेल की कीमतों को केन्द्र सरकार अगर जीएसटी के दायरे में लाये तभी लोगों को राहत मिल सकती है, अन्यथा तेल की कीमतों के कम होने का कोई रास्ता नहीं है। लोगों का गुस्सा राज्य सरकार पर भी है। झारखंड सरकार ने तेल की कीमतों में वैट को लेकर कोई भी सुधार नहीं किया है, जबकि सरकार जब बनी थी तो वैट 18 से 20 परसेंट कर दिये गये थे। लोगों का कहना है कि फौरी तौर पर सरकार अगर चाहे तो वैट में राहत देकर तेल की कीमतों को कम कर सकती है, लेकिन सरकार की मंशा इस मामले में अभी तक खुलकर सामने नहीं आई है।

इस रफ्तार से बढ़ी हैं कीमतें

तारीख डीजल पेट्रोल

18 मई 70.83 75.76

19 मई 71.08 76.00

20 मई 71.35 76.26

21 मई 71.61 76.52

22 मई 71.88 76.75

23 मई 72.15 76.99

24 मई 72.35 77.22

25 मई 72.58 77.51

26 मई 72.74 77.62

27 मई 72.90 77.73

28 मई 2018 73.02 77.85

नोट: कीमत रुपए प्रति लीटर के हिसाब से है।

क्या कहती है पब्लिक

तेल की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण रहना बहुत जरूरी है, जिस प्रकार तेल की कीमत रोज बढ़ रही है, उससे हर तबका परेशान हो रहा है।

-पापिया बनर्जी

हर दिन कीमतें बढ़ाना कहीं से भी जायज नहीं है। स्टेट गवर्नमेंट को भी वैट कम करना चाहिए, ताकि तेल की कीमतों से आम जनता को राहत दी जा सके।

-राहुल शर्मा

स्टेट गवर्नमेंट को जब वैट बढ़ाना होता है तो एक मिनट भी देर नहीं लगाती है। अब जब तेल की कीमतें ज्यादा हो रही हैं, तो वैट कम करने की कार्रवाई होनी चाहिए।

-भीम सिंह

सभी तरह के प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे मे लाकर महंगाई्र को कंट्रोल करने की कोशिश सरकार ने की है, लेकिन तेल की कीमतों के साथ सौतेला व्यवहार उचित नहीं है।

-अविनाश कुमार

तेल की कीमत को लेकर हर आदमी परेशान है। जब क्रुड ऑयल की अन्तरराष्ट्रीय कीमतें कम थीं, तो दाम कम करने चाहिए थे। मनमर्जी कर रही सरकार।

- सागर

पेट्रोल बहुत महंगा हो गया है। हर दिन दाम बढ़ जाते हैं। इसपर कंट्रोल करना चाहिए। अगर इसको जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो कीमत कम हो सकती है।

- मो। कैफ

तेल की मार से हर आदमी परेशान है। जीएसटी के दायरे में अगर इसे भी सरकार ले आए तो राहत मिल सकती है। किसानों को भी राहत मिलेगी और आमलोगों को भी।

-चंदन

कीमतें जिस हिसाब से हर दिन तय हो रही हैं, उससे आम आदमी की परेशानी बढ़ी है। इसपर सरकार को विचार करना चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

-डॉ। नीलमणि कुमार