इलाहाबाद में भी पकड़ी जा चुकी है पेट्रोल पम्पों पर घटतौली

-मशीन में गड़बड़ी के चलते 17 पेट्रोल पम्पों का हुआ था चालान

ALLAHABAD: लखनऊ में तेल का खेल करने वाले थोड़े ज्यादा अपडेट हैं। लेकिन, इसका कतई मतलब कतई यह नहीं है कि इलाहाबाद में ऐसा नहीं होता। यहां मशीन में ही छेड़छाड़ करके हेराफेरी पकड़ी जा चुकी है। बाट-माट विभाग के अधिकारी कही मीटर में तो कही पर पेट्रोल पंपों पर मशीन में की गई छेड़छाड़ पकड़े जाने पर एक दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों का चालान कर चुके हैं। साथ ही घटतौली के मामले में पेट्रोल पंप संचालकों से 4.62 लाख रुपए समन शुल्क भी वसूला गया।

30 से 100 एमएल की घटतौली मिली

बाट-माप विभाग की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष में इलाहाबाद मंडल में 401 पेट्रोल पंपों की जांच की गई थी। इसमें से सबसे ज्यादा 20 पेट्रोल पंपों में कम पेट्रोल दिए जाने की शिकायत पर जांच हुई थी। इलाहाबाद, प्रतापगढ़ व कौशाम्बी के 15 पेट्रोल पंपों के खिलाफ घटतौली पाए जाने पर चालान काटकर समन शुल्क वसूला गया था। इन पेट्रोल पंपों पर 30 से लेकर 100 मिलीलीटर पेट्रोल और डीजल की कमी पकड़ी गई थी।

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मानक माप से हुआ खुलासा

विभागीय अधिकारियों ने शिकायतों के आधार पर पेट्रोल पंपों पर छापा मारा था। अधिकारी अपने साथ खास किस्म का मानक माप लेकर गए थे। संबंधित पेट्रोल पंप कर्मचारी से अलग-अलग पांच लीटर पेट्रोल निकालने को कहा गया था। जिसे मानक माप में डालकर उसकी क्वांटिटी देखी गई। उसके बाद मानक माप में पांच लीटर पेट्रोल डालकर देखा गया कि मात्रा पूरी है या नहीं लेकिन मानक माप में न्यूनतम 30 से लेकर अधिकतम 150 मिलीलीटर तक की कमी पकड़ी गई।

चिप से चोरी का तो कोई मामला अभी तक नहीं पकड़ में आया है लेकिन घटतौली के 15 मामले पिछले वित्तीय वर्ष में पकड़े गए थे। विभागीय मानक माप की जांच में 30 से लेकर 150 मिलीलीटर की कमी पकड़ी गई थी। जिसके बाद संबंधित पेट्रोल पंप का चालान काटा गया और 4.62 लाख रुपए की वसूली की गई थी।

कुमार नीरज,

सहायक नियंत्रक इलाहाबाद मंडल बाट-माप विभाग

मानक माप से जांच परख के बाद पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल भेजा जाता है। कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए महीने में दो बार औचक निरीक्षण भी किया जाता है। खासतौर से मीटर की रीडिंग जरूर देखी जाती है।

विनय, एरिया इंचार्ज,

हिन्दुस्तान पेट्रोलियम

अपने मित्र की ऑडी क्यू सेवन में 28 अप्रैल को पेट्रोल भराया तो आधा लीटर कम पेट्रोल मिला। क्योंकि, इस गाड़ी में ऐसा सिस्टम है कि उससे पता चल जाता है कितन लीटर पेट्रोल डाला गया है।

जयवर्धन त्रिपाठी

अधिकतर पेट्रोल पंप पर मीटर रीडिंग सही नहीं रहती है। पेट्रोल भराओ तो शून्य की जगह आठ या नौ अंक से रीडिंग उठती है। इस पर सवाल करो तो कर्मचारी विवाद करने लगते हैं।

जमुना पांडेय