RANCHI: झारखंड में सरकारी विभागों में डिजिटल इंडिया को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। जितने भी सरकारी विभाग, कांट्रैक्टर, सप्लायर और प्रज्ञा केंद्र हैं, सभी जगह डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट लिया जा रहा है। सरकारी विभागों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पूरी तरह से हो रहा है, लेकिन प्राइवेट संस्थाएं, डीलर, दुकान, मॉल सभी जगह डिजिटल पेमेंट लगभग फेल हो चुका है। अधिकतर जगहों पर कैश में ही पेमेंट लेने का दबाव बनाया जाता है। आईटी सेक्रेट्री सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकारी संस्थान पूरी तरह से डिजिटल हो चुके हैं। प्राइवेट संस्थानों को डिजिटल पेमेंट लेने के लिए हमलोग मोबलाइज कर रहे हैं।

13 जिलों में इंटरनेट पहुंचा

सत्येंद्र सिंह ने बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का काम भी तेजी से चल रहा है। राज्य के 24 जिलों में से 13 जिलों में पंचायत लेबल तक इंटरनेट सेवा पहुंच चुकी है। बाकी बचे 11 जिलों में मार्च 2019 तक इंटरनेट पहुंच जाएगा। पूरे राज्य में प्रखंड लेबल तक ई-मैनेजर नियुक्त हो चुके हैं, जो डिजिटल इंडिया के कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।

दुकान से हटाई स्वैप मशीन

रांची में प्राइवेट मर्चेट डिजिटल ट्रांजेक्शन को पूरी तरह फेल कर रहे है। स्वैप कार्ड मशीन से पेमेंट पर लगने वाले चार्ज से बचने के लिए शॉप से मशीन को ही हटा दिया गया है। शहर के अधिकतर कार और बाइक सर्विस सेंटर पर कैश में पेमेंट लिया जा रहा है। इसके अलावा जो भी बड़ी दुकान और शोरूम हैं वहां कैश में ही पेमेंट लिया जा रहा है। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि दो हजार के ऊपर स्वैप मशीन से पेमेंट करने पर व्यापारी को एक प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है, इसलिए कार्ड से पेमेंट लेने से मना करते हैं।

सरकार को शो नहीं करते

मशीन से पेमेंट नहीं लेने के पिछे एक कारण और भी है कि जितना भी पेमेंट होता है वो व्हाइट मनी के रूप में बैंक अकाउंट में जाता है। और जो ट्रांजेक्शन होता है उसमें एक लिमिट पर टैक्स भी देना होता है। इसलिए व्यापारी कैश में पैसा ले रहे हैं, ताकि उनको यह शो नहीं करना पड़े कि कितना का ट्रांजेक्शन हुआ है।

कस्टमर्स से मांग रहे टैक्स का पैसा

कई जगहों पर स्वैप मशीन से पेमेंट लेने पर कस्टमर्स से एक से दो प्रतिशत तक एक्स्ट्रा चार्ज वसूला जा रहा है। व्यापारी ग्राहकों से कहते हैं कि अगर कार्ड से पेमेंट देंगे तो दो प्रतिशत अधिक काटा जाएगा। जबकि नियम के अनुसार, स्वैप मशीन से पेमेंट लेने पर जो भी चार्ज देना है, वो व्यापारी को ही देना होगा। कस्टमर्स को इससे कोई लेना-देना नहीं है।

वर्जन

झारखंड के सरकारी विभागों में जितने भी लेन-देन हो रहे हैं, वो डिजिटल पेमेंट हो रहा। प्राइवेट मर्चेट को भी डिजिटल पेमेंट के लिए हमलोग अवेयर करते हैं।

-सत्येंद्र सिंह, सेक्रेट्री, आईटी डिपार्टमेंट, झारखंड

डिजिटल पेमेंट बढ़ाने के लिए बैंकों की ओर से स्वैप मशीन दी जा रही है। स्वैप मशीन से दो हजार रुपए से ऊपर के पेमेंट पर सरचार्ज देना होगा।

-दीपक कुमार, मैनेजर, केनरा बैंक थड़पखना