छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : एमजीएम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल आए दिन किसी न किसी विवाद से घिरा रहता है। इस कड़ी में अब एक और विवाद जुड़ गया है। हॉस्पिटल कैंपस में कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से 15 पेड़ काटने की परमिशन मांगी गई थी, लेकिन इससे कहीं ज्यादा पेड़ काटे जाने की बात सामने आ रही है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने भी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लेटर लिख जांच की मांग की है। कई सामाजिक संगठनों की ओर से भी इस मामले की जांच की मांग की जा रही है।

25 पेड़ काटे जाने का आरोप

एमजीएम हॉस्पिटल में परमिशन से ज्यादा पेड़ काटे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हॉस्पिटल में निर्माणधीन भवन के लिए संबंधित ठेकेदार द्वारा वन विभाग से छोटे-बड़े कुल मिलाकर 15 पेड़ काटे जाने की अनुमति मांगी गयी थी, लेकिन करीब 25 से भी अधिक पेड़ काटे जा चुके है।

जेएचआरसी की टीम पहुंची हॉस्पिटल

झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) की टीम ने हॉस्पिटल कैंपस का निरीक्षण कर अबतक काटे गए कुल पेड़ों की जायजा लेते हुए सुपरिंटेंडेंट से मुलाकात कर इसकी शिकायत की और जांच की मांग की है। जेएचआरसी के संगठन प्रमुख मनोज मिश्रा ने कहा कि बिना अनुमति पेड़ काटना अपराध की श्रेणी में आता है। इसकी जांच होनी चाहिए और आरोपियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। सभी काटे गए पेड़ों की फोटो लेते हुए उन्होंने कहा कि वह सीधे जाकर वन विभाग के अधिकारियों से मुलाकत कर जांच की मांग करेंगे। इस दौरान जेएचआरसी के अन्य मेंबर्स भी मौजूद थे।

वर्षो पहले लगाए गए थे पेड़

997 में एन्वायरमेंट और ब्यूटीफिकेशन को ध्यान में रखते हुए एमजीएम हॉस्पिटल कैंपस में दर्जनों पेड़ लगाए गए थे। इसमें शीशम, बबुल, अर्जुन और सीरस सहित कई कीमती पेड़ शामिल है। पांच वर्ष पूर्व भी जुस्को द्वारा कई पेड़ लगाये गए थे। अभी सभी पेड़ों को काट दिया गया है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट और सामाजिक संगठनों द्वारा पूर्व में लगाए गए कुल पेड़ों की सूची तैयार की जा रही है। ताकि उसके अधार पर जांच व कार्रवाई हो सके। ठेकेदार द्वारा सीरस के 7, बबुल के 3, अजुर्न के 3, शीशम के 1 और एक अन्य पेड़ काटे जाने की अनुमति मांगी गई थी।

हॉस्पिटल का हो रहा एक्सपेंशन

़ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मानकों के अनुरूप एमजीएम हॉस्पिटल को तैयार किया जा रहा है। इसे देखते हुए अस्पताल का एक्सपैंशन किया जा रहा है। इसमें नया मेडिकल वार्ड, महिला एवं प्रसूति डिपार्टमेंट, बर्न डिपार्टमेंट सहित कई डिपार्टमेंट्स को बढ़ाया जा रहा है। इसके कारण कुछ पेड़ों को काटे जाने की अनुमति मांगी गई थी।