-भू-माफियों की मदद से तालाब का अतिक्रमण कर धड़ाधड़ हुए अवैध निर्माण

-तालाब को सुखाकर इसे नाला बनाने की हो गई है पूरी तैयारी

-सौंदर्यीकरण के नाम पर रांची नगर निगम बना रहा है वाटर और जॉगर्स पार्क

-प्यास बुझाने के लिए अंडरग्राउंड वाटर लेवल का मेंटेन रहना है जरूरी

-लोग बोले, नहीं चाहिए पार्क, तालाब को पुराने स्वरूप में लौटाएं

RANCHI (25 Apr): भू-माफियों की मदद से डिस्टिलरी तालाब के इलाके में आतिक्रमण कर धड़ाधड़ कंट्रीट के जंगल खड़े कर दिए गए। इससे इस तालाब में पानी का स्त्रोत समाप्त हो गया और यह सूख गया। लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी रांची नगर निगम कान में तेल डालकर सोया है। अब तो तालाब को खत्म कर इसके सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है। रांची नगर निगम ने डिस्टिलरी तालाब को नाला बनाने की पूरी तैयारी कर चुका है। यहां पर वाटर पार्क और जॉगर्स पार्क बनाकर निगम इस तलाब को मौत के घाट उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। ऐसे में लोग समाने आकर इस तालाब को बर्बाद होने से बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि प्यास बुझाने के लिए अंडरग्राउंड वाटर लेवल का मेंटेन रहना जरूरी है। उन्हें कंक्रीट का पार्क नहीं, बल्कि तालाब के पुराने स्वरूप की ज्यादा जरूरत है।

लोगों का है कहना

आए आएं लोग

क्-आज रांची में जल संकट इसलिए उत्पन्न हुआ है कि इस शहर में पानी के जो मेन सोर्स हुआ करते थे तालाब उनका नष्ट कर दिया गया। तालाब को पाटकर कुछ लोगों ने घर और इमारतें खड़ी कर लीं। ऐसे में वर्षा जल का उपयोग नहीं हो पा रहा है और स्थिति भयावह है। लेकिन कुछ लोग आज भी इससे सबक लेने को तैयार नहीं है। ऐसे लोग ही डिस्टलरी तालाब को बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में जरूरत है कि लोग सामने आकर इस तालाब को बर्बाद होने से बचाएं।

-हर्षा केडिया

बढ़ेगा जल संकट

ख्-रांची के डिस्टिलरी तालाब के खत्म होने से पानी का और भी ज्यादा संकट उत्पन्न हो जाएगा। आज जरूरत इस बात है कि जहां पुराने तालाब को साफ करने उनको पुनर्जीवित किया जाए। वहीं, आज कुछ लोग डिस्टिलरी तालाब को बर्बाद हो कर रहे हैं। इस तालाब को सौंदर्यीकरण के बहाने समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। डिस्टिलरी तालाब में लबालब पानी भरा होने से आसपास का ग्राउड वाटर लेवल मेनटेन रहता था। इसके सूखने से निश्चित तौर पर परेशानी बढ़ेगी ऐसे में इसपर रोक लगाने की जरूरत है

रूबी जैन

पानी नहीं जीवन नहीं

फ्-नदियां और तालाब नहीं रहेंगे तो जीवन भी नहीं रहेगा। आज जिस तरह से लोगों ने नदियों और तालाब पर ध्यान नहीं दिया उसी का नतीजा है कि आज पानी का संकट उत्पन्न हुआ है। बात अगर रांची की करें, तो यह तालाबों के लिए जाना जाता था। लालपुर और कोकर के बीच डिस्टिलरी तालाब पुराने समय में एक साफ-सुथरा तालाब हुआ करता था, लेकिन अतिक्रमण करके इस तालाब को बर्बाद किया और अब इसके सौंदर्यीकरण के नाम भी इसे समाप्त किया जा रहा है। नगर निगम से आग्रह है कि डिस्टिलरी तालाब को उसके पुराने स्वरूप में लौटाए।

डॉ। सुचित्रा

पार्क नहीं पानी की जरूरत

ब्- डिस्टिलरी तालाब को तालाब रहने दिया जाए। यहां पर कंक्रीट का पार्क नहीं बनाया जाए, क्योंकि आज जरूरत पानी की है पार्क की नहीं। इस तालाब को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए। लेकिन इसपर रांची नगर निगम का ध्यान ही नहीं है। डिस्टिलरी तालाब को पुर्नजीवित करने के लिए आंदोलन करना होगा और इसके लिए लोगों को आगे आने की जरूरत है।

-आयुषी केडिया