- महामंडलेश्वर ने तांत्रिक विद्या से बटोर लिए थे लाखों रुपए

- अपने चेलों को उन रुपयों में से देते थे हिस्सा

Meerut: महामंडलेश्वर राजेंद्र स्वरूप की हत्या के पीछे का कारण अब धीरे-धीरे स्पष्ट हो रहा है। फूलबाग के गली नम्बर 8 में रहने वाले राजेंद्र स्वरूप उर्फ बबलू ने राजस्थान के कृष्ण स्वरूप महाराज से महमंडलेश्वर की उपाधी ली थी। आरोप है कि तांत्रिक विद्या के नाम पर महामंडलेश्वर ने कई लोगों को ठगा था। उनके ही चेलों के साथ रुपयों के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई।

लाखों का माल बटोरा था

उन्हीं के कॉलोनी में रहने वाले धीरज और विशू महामंडलेश्वर के साथ ही रहते थे। वे तांत्रिक विद्या सीखने आते थे और उनकी क्रिया में साथ भी देते थे। जिसके लिए उनका हिस्सा तय होता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि राजेंद्र स्वरूप राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में तांत्रिक विद्या की क्रिया के लिए बुलावा पर जाता था। राजेंद्र स्वरूप पंजाब के महेश मित्तल से साढ़े तीन किलों सोना और 45 लाख रुपये तांत्रिक क्रिया कर लाया था। देहरादून और मसूरी के बीच वह आश्रम बनाने वाला था। जिसको लेकर जमीन भी ले ली थी।

कुछ दिन पहले दी थी धमकी

पुलिस के मुताबिक धीरज गुर्जर और विशू की अपने हिस्सों की मांग को लेकर महामंडलेश्वर के साथ पांच दिन पहले बहस हो गई थी। जिसको लेकर धीरज ने धमकी भी दी थी। अपहरण वाली रात धीरज परिजनों के साथ ही था। पुलिस की जांच के दौरान भी वह साथ था, ऐसे में उस समय किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ। जांच के दौरान जब कलई खुली तो पुलिस को उन दोनों पर शक हुआ। पुलिस ने विशू को हिरासत में ले लिया और इस बीच धीरज फरार हो गया। उसकी मां को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

नजाकत से भी जोड़ कर देखा जा रहा

पुलिस ने अभी नजाकत के शामिल होने से इंकार नहीं किया है। नजाकत फर्जी तांत्रिक था। लिसाड़ी गेट की पुलिस कस्टडी से ही वह फरार हुआ था। तब महामंडलेश्वर ने ही शरण दी थी। इसके बाद राजेंद्र स्वरूप ने धीरे-धीरे नजाकत के पूरे कारोबार पर कब्जा कर लिया था। उसके आदमियों को भी अपने साथ मिला लिया था। महामंडलेश्वर का ड्राइवर नटवर पहले नजाकत का ड्राइवर था। ऐसे में माना जा रहा है कि नजाकत भी हत्या करा सकता है।

हत्या के वक्त एक से ज्यादा लोग मौजूद

महामंडलेश्वर की हत्या नंगला गोसाई के जंगल में ही की गई। पुलिस को शव के पास से कारतूस के दो खोखे बरामद किए हैं। वहीं कत्ल के समय एक से ज्यादा लोग मौजूद थे। पुलिस को दो अलग-अलग 315 और 32 बोर का खोखा बरामद किया है। वहीं सिगरेट का पैकेट भी मिला है। हत्या देर रात में की गई और आरोपी काफी देर तक वहां थे। उन्होंने आराम से वहां बैठकर सिगरेट पी होगी।

भारी फोर्स तैनात

हत्या की सूचना मिलते ही किसी भी प्रकार के बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस और महामंडलेश्वर के घर पर भारी फोर्स तैनात कर दी थी।

घर पर मचा कोहराम

महामंडलेश्वर की हत्या की सूचना के बाद घर में कोहराम मच गया। 50 वर्षीय राजेंद्र स्वरूप अपनी पत्‍‌नी बबीता, बेटा शुभम और दो बेटियां काजल व शीतल के साथ रहते थे। तीनों अविवाहित हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। परिजनों ने पुलिस पर जांच में ढिलाई करने का आरोप लगाया। जिसको लेकर उन्होंने शव रखकर सड़क जाम कर दिया था। पुलिस के अला अधिकारियों के समझाने पर ही वे माने।