छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : रांची महुलिया राष्ट्रीय राजमार्ग-33 (एनएच-33) की मरम्मत को लेकर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने जो एक करोड़ रुपये की रकम देने का ऐलान किया था, वह अब तक जारी नहीं हो सकी है। जिला प्रशासन का कहना है कि उसने जिला पथ निर्माण विभाग से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से एनएच-33 की मरम्मत के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मांगी थी। जबकि एनएचएआइ के परियोजना निदेशक का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से अब तक एनओसी मांगे जाने का कोई पत्र नहीं मिला है। इस तरह अभी एनएच की मरम्मत को लेकर विधायक निधि के एक करोड़ रुपये पर संशय बरकरार है।

मंत्री ने लिया था जायजा

रांची टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग के हालत बहुत खराब है। इस पर 29 जुलाई को खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने एनएच-33 का निरीक्षण किया था। निरीक्षण करने के बाद मंत्री सरयू राय ने ऐलान किया था कि वह सड़क की मरम्मत के लिए अपनी विधायक निधि से एक करोड़ रुपये देंगे लेकिन अब तक यह रकम विधायक निधि से जारी नहीं हो पाई है। जिला प्रशासन ने पथ निर्माण विभाग को पत्र लिखकर एक करोड़ रुपये से एनएच-33 की मरम्मत करने का निर्देश दिया था। लेकिन पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने जिला प्रशासन को साफ बता दिया था कि एनएच-ृ33 की मरम्मत का काम पथ निर्माण विभाग नहीं कर सकता। एनएच 33 की मरम्मत का काम एनएचआइ ही करेगा। इसलिए सीधे एनएचएआइ को ही पैसा दे दिया जाए।

एनएचएआई व पथ निर्माण विभाग में अटका मामला

एक और सूरत थी कि जिला प्रशासन एनएचएआइ से एक करोड़ रुपये में एनएच-33 की मरम्मत करने की एनओसी हासिल कर ले। लेकिन जिला प्रशासन ने एनएचएआइ को एनओसी के लिए पत्र नहीं लिखा। जिला प्रशासन का कहना है कि पथ निर्माण विभाग को एनओसी हासिल करने के लिए पत्र लिखने को कहा गया था। जबकि सूत्रों के अनुसार पथ निर्माण विभाग ने भी एनएचआइ को ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है। जिला प्रशासन भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि पथ निर्माण विभाग ने एनओसी के लिए एनएचएआइ को पत्र लिखा या नहीं।

सोमवार को फाइनल होगा टेंडर

एनएचएआइ ने इसके पहले ही एनएच-33 की मरम्मत के लिए 17 करोड़ रुपये जारी किए थे। एनएचएआइ ने इस 17 करोड़ रुपये से एनएच 33 की मरम्मत के लिए टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर खुल चुका है। इसका रेट सोमवार को खुलेगा।