राशन डीलर की रिपोर्ट में हेराफेरी करने के बाबत लिए 20 हजार रूपये

राशन डीलर ने एंटी करप्शन को दी सूचना, 80 हजार वसूलने का आरोप

Meerut। लोगों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने जिला आपूर्ति निरीक्षक को राशन डीलर की आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिए। इसकी बाबत जिलापूर्ति निरीक्षक ने राशन डीलर के पति से 80 हजार रूपये की रिश्वत पूर्व में और 20 हजार रूपये गुरुवार को लिए। हालांकि एंटी करप्शन की टीम ने निरीक्षक को रंगे हाथों दबोच लिया। आपूर्ति निरीक्षक के साथ उगाही करने आए संविदा कर्मचारी को भी एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर सिविल लाइन पुलिस को सौंप दिया।

हो रही थी जांच

परतापुर के गांव कायस्थ गांवड़ी निवासी रोशनी पत्नी लोकेश कुमार के नाम से राशन की दुकान आवंटित है। चार माह पूर्व कायस्थ गांवड़ी के लोगों ने तत्कालीन जिलाधिकारी समीर वर्मा से राशन डीलर की शिकायत की थी। जिस पर डीएम ने मामले की जांच कलक्ट्रेट में स्थित आपूर्ति निरीक्षक धर्मेद्र वर्मा को सौंप दी थी। मामले की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए थे। गुरुवार को राशन डीलर रोशनी के पति लोकेश कुमार ने एंटी करप्शन इंचार्ज विजय कुमार से संपर्क किया और जिलापूर्ति निरीक्षक पर 80 हजार पहले लेने और 20 हजार हाल में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। एंटी करप्शन टीम के प्रभारी विजय कुमार ने मामले की जानकारी जिलाधिकारी अनिल ढींगरा को दी। डीएम ने निरीक्षक धर्मेद्र वर्मा और संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर मयंक कुमार के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही।

रिश्वत लेने पहुंचा निरीक्षक

योजनानुसार 20 हजार रूपये लोकेश कुमार को सौंपे गए। लोकेश कुमार ने जिला आपूर्ति निरीक्षक धर्मेद्र वर्मा को मांगी गई रकम लेने के लिए कचहरी के पूर्वी गेट पर बुलाया। जहां धर्मेद्र वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर मयंक कुमार कार से पहुंचे। जैसे ही लोकेश कुमार ने धर्मेद्र वर्मा को 20 हजार रूपये दिए तभी एंटी करप्शन की टीम ने दोनों को रंगेहाथ दबोच लिया। इसके बाद दोनों को सिविल लाइन पुलिस को सौंप दिया गया।

दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। दोनों के खिलाफ टीम और शिकायतकर्ता लोकेश कुमार ने संयुक्त रूप से मामला दर्ज कराया है।

नीरज मलिक, इंस्पेक्टर, सिविल लाईन