थाने से आयी आख्या पर कोर्ट ने मंजूर कर दी जमानत

18 जून को तबियत खराब होने पर एसआरएन में कराया गया था भर्ती, वहीं से भाग निकला

ALLAHABAD: चार दिन पहले जो बंदी पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भाग निकला। जिसके चक्कर में दो सिपाही सस्पेंड हो गये। उसी पर सेम केस में मांगी गई रिपोर्ट पर थाने से बता दिया गया कि वह वांछित नहीं है। इसका नतीजा हुआ कि कोर्ट से उसे जमानत मिल गयी और 20 हजार का मुचलका भर कर वह घर भी चला गया। यह अनोखा मामला पुलिस की कार्यशैली की पोल भी खोलता है और सवाल भी खड़े करता है। वह भी तब जबकि उसे कातिलाना हमले के मामले में सेशन कोर्ट के आदेश पर नैनी सेंट्रल में पाबंद किया गया है।

कौन है यह शातिर खिलाड़ी

पुलिस की कार्यशैली से खेलने वाले इस सख्श का नाम अमित मिश्रा है

वह दारागंज एरिया का रहने वाला है

कातिलाना हमले का आरोप लगने पर जून 2017 में उसे जेल भेजा गया था

17 जून 2018 को जेल में तबियत बिगड़ जाने पर उसे एसआरएन में भर्ती कराया गया

18 जून की सुबह वह सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को गच्चा देकर फरार हो गया

इस मामले में कोतवाली थाने में धारा 223 और 224 के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी

लापरवाही में उसकी निगरानी में लगे दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया

21 जून को अमित मिश्रा ने एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर की अर्जी दी

कोर्ट ने इस पर थाने को नोटिस भेजकर पूछा कि वह किसी मामले में वांटेड तो नहीं है

शुक्रवार को थाने से कोर्ट को जवाब नहीं में आया

धाराएं जमानती होने के आधार पर कोर्ट ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर अमित को रिहा करने का आदेश दे दिया

अमित जेल में बंद क्यों था

अमित मिश्रा के विरूद्ध थाना दारागंज में प्राणघातक हमला का मुकदमा कायम था। वह सेशन कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश हुआ। अभियुक्त की ओर से वारंट रिकाल की अर्जी पेश की गई। कोर्ट ने चार जून 2017 को वारंट रिकाल किया लेकिन निजी मुचलका पेश न करने पर वह जेल चला गया। एक वर्ष से वह जेल में बंद था। तबियत खराब होने पर उसे एसआरएन में भर्ती कराया गया था। अमित के अधिवक्ता शशि रिष श्रीवास्तव ने कोर्ट में बताया कि पुलिस ने रंजिशन अमित को झूठा फंसाया है। वह गरीब है और मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता है। इस पर प्रभारी/सीजेएम एनके गर्ग ने उसे बीस बीस हजार रुपये की जमानत पेश करने पर रिहा कर दिया। गत दिवस उसे एसआरएन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया जहां से वह फरार हो गया। वहंी बंदी रक्षक इस मामले में भागे भागे फिर रहे हैं। अमित मिश्रा अभी भी सेशन कोर्ट के आदेश के तहत नैनी जेल में होना चाहिए।