- इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर, व्हील चेयर लेकर खड़े रहे कर्मचारी

-ओपीडी में कई डॉक्टर्स समय से पहले ही गायब हो गए ड्यूटी से

BAREILLY : वित्त मंत्री की फटकार के बाद डिस्ट्रिक्ट के अफसर भी एक्शन मोड में आ गए हैं। डीएम ने इसको लेकर संडे रात को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की और हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का निर्देश दिया। बच्च बार्ड में संडे को हुई खुशी की मौत के बारे में डीएम ने सीएमएस और डॉक्टर को भी नोटिस भेजकर कारण स्पष्ट करने को कहा है। जिसके बाद डॉक्टर और स्टाफ सुबह से ही एक्टिव मोड में दिखने लगे। एक बेड पर एक ही मरीज भर्ती करने का हॉस्पिटल प्रशासन ने व्यवस्था किया। इमरजेंसी समेत अन्य वार्डो में व्यवस्था सुधरने लगी है लेकिन ओपीडी में अभी भी डॉक्टर्स का समय से पहले सीट से उठने व मरीजों को लंबी लाइन लगाकर दवा बांटने का सिलसिला भी जारी रहा।

आई वार्ड में 10 बेड का बना वार्ड

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इमरजेंसी के बाहर ही स्ट्रेचर और व्हील चेयर के साथ कर्मचारी मुस्तैद दिखे। मरीजों को स्ट्रेचर या व्हील चेयर पर ही वार्ड या इमरजेंसी में ले जाया गया। दिन भर में करीब 90 मरीज हॉस्पिटल में एडमिट हुए। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हॉस्पिटल प्रशासन ने आई वार्ड में भी बुखार के मरीजों को एडमिट किया गया। वहां बुखार के मरीजों के लिए दस बेड का अलग रूम बनाया गया है।

12 बजे तक मिलनी थ्ाी ओपीडी

जन्माष्टमी के अवकाश के कारण मंडे को ओपीडी दोपहर 12 बजे तक की थी। जिले में फैल रहे संक्रमण के कारण मरीजों की संख्या ज्यादा थी। बावजूद इसके ओपीडी के कुछ डॉक्टर्स पौने बारह बजे सीट पर नहीं मिले। सर्जन कक्ष में भी डॉक्टर गायब थे। कुष्ठ फिजिशियन भी अपनी सीट पर नहीं थे। डिस्पेंसरी में पुरुषों को एक ही विंडो से दवा दिए जाने के कारण लंबी लाइन थी। बारह बजे के बाद दूसरी विंडो भी खोलने पर भीड़ कम हुई। स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल परिसर में आवारा कुत्तों को पकड़वाने के लिए नगर निगम में शिकायत की थी। इसी शिकायत पर मंडे को कुत्ता पकड़ने के लिए नगर निगम की टीम पहुंची थी।