-लापरवाही की खुली पोल तो काला फीता बांधकर बना रहे दबाव

-मरीजों को एक्सपायर दवाएं और गलत इलाज का भाजपा पदाधिकारियों ने किया था खुलासा

BAREILLY

मरीजों को एक्सपायर दवाएं देने और किसी मरीज को दूसरे मरीज का ट्रीटमेंट देने के आरोपों से घिरे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल स्टाफ दादागीरी पर उतारू हो गए हैं। उन पर कोई कार्रवाई न हो, इसका दबाव बनाने के लिए सीएमएस डॉ। केएस गुप्ता से लेकर निचले स्तर तक के सभी कर्मचारियों ने फ्राइडे को काला फीता बांधकर काम किया। एक्सपायरी दवा से ट्रीटमेंट को छिपाने के लिए झूठी कहानियां रच रहे हैं।

क्यों यूज हो रहीं एक्सपायर दवा

बच्चा वार्ड में बच्चों के ट्रीटमेंट में एक्सपायर दवा और इंजेक्शन यूज किए जा रहे हैं। जब मामला पकड़ में आया तो स्टाफ ने पल्ला झाड़ लिया और सीधे तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर एक्सपायर दवा बाहर से साथ लेकर आने का आरोप लगा डाला। जबकि, जो दवाएं एक्सपॉयर मिली हैं, उस पर साफ-साफ लिखा है 'फॉर यूपीजीएस 2015-16 नॉट फॉर सेल'। ऐसे में, स्टाफ के तर्क में दम नहीं लग रहा है। क्योंकि हॉस्पिटल की ये दवाएं बाहर कैसे मिलेंगी।

सरकारी दवा कैसे पहुंची बाहर

हॉस्पिटल के स्टाफ की बात को मान लिया जाए तो भी एक बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे सरकारी दवा हॉस्पिटल से बाहर चली गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने थर्सडे को जो एक्सपायर दवाएं सीएमएस को दिखाई हैं उनमें से दो इंजेक्शन थे। ऐसे में आखिर कैसे सील पैक इंजेक्शन किसी व्यक्ति को मिल सकता है।

स्टोर रिकॉर्ड और स्टॉक में खेल

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मिलने वाली दवाओं में अधिकारी से लेकर स्टाफ तक बड़ा खेल कर रहे हैं। थर्सडे को एक्सपायर दवा पकड़ में आने के बाद जब स्टोर रूम के रिकॉर्ड को चेक किया गया तो सारी कारगुजारी खुलकर सामने आ गई। रिकॉर्ड के मुताबिक स्टोर में ये दवाएं मौजूद ही नहीं हैं। जबकि स्टोर में कई बाक्स एक्सपायर दवाओं से भरे पड़े हैं।

ये दवाइयां मिली थ्ाीं एक्सपायर

हॉस्पिटल में जीवन रक्षक इंजेक्शन डोपामिल, एंटी एलर्जी इंजेक्शन और बच्चों के पेट दर्द की दवा एक्सपायर हो चुकी थीं, लेकिन फिर भी वार्ड की ट्रॉली में ये दवाएं रखी हुई थीं। स्टोर रिकार्ड के अनुसार ये दवाएं बीते वित्तीय वर्ष से नहीं खरीदी गई हैं।

काला फीता बांधकर किया काम

दवाओं में बड़ी धांधली और स्टाफ की कारगुजारी पकड़ में आने के बाद फ्राइडे को हॉस्पिटल के सभी स्टाफ ने सुबह ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले काला फीता बांधा और सीएमएस ऑफिस के आगे खड़े होकर सरकार विरोधी नारे लगाए। इस कार्य में सीएमएस ने भी स्टाफ का साथ दिया और वे भी काला फीता बांधकर चेंबर में बैठे रहे।

स्टाफ ने शासन से की शिकायत

भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हॉस्पिटल में बिना अनुमति के आकर कार्य को बाधित करने और स्टाफ के साथ अभद्रता करने के विरोध में फ्राइडे को नर्स एसासिएशन, फार्मासिस्ट एसोसिएशन, पीएमएस, डॉ। हर्षवर्धन ने संयुक्त रूप से एक पत्र दु‌र्व्यवहार के बारे में शासन को शिकायत भेजी है।

सिटी मजिस्ट्रेट ने शुरू की जांच

जिला अस्पताल में भाजपा कार्यकर्ताओं और हॉस्पिटल स्टाफ के बीच हुए विवाद के बाद डीएम ने मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी थी। जांच मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट रात में ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंच गए, जहां स्टोर रूम के रिकॉर्ड और स्टॉक की जांच की।