-रजिस्टर में दर्ज मरीजों के नाम की नहीं करायी जांच

-जिम्मेदारी से बचने के लिए खेल रहे दांव-पेच

BAREILLY :

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में वीआईपी दवा रजिस्टर मामले में सीएमएस दांव-पेच कर डीएम को रिपोर्ट सौंप दी। 8 फरवरी को डीएम के इंस्पेक्शन में वीआईपी रजिस्टर पर दवा वितरण का खेल उजागर हुआ था, जिसमें तमाम महंगी दवाओं को खास मरीजों को दिये जाने के सुबूत मिले थे। डीएम ने रिपोर्ट तलब की थी, तो सीएमएस ने रजिस्टर में दर्ज वीआईपी मरीजों के नाम की जांच कराए बगैर ही रिपोर्ट सौंप दी। कहा कि हॉस्पिटल के रिटायर कर्मचारियों और स्टाफ को दी जाने वाली दवाएं इस रजिस्टर में दर्ज होती हैं।

खुद बना लिये प्रावधान

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में किसी भी मरीज को दवाएं देने के लिए वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने का प्रावधान नहीं है। शासन की निगाह में सभी मरीज एक समान हैं। बावजूद इसके डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में वीआईपी रजिस्टर पर मरीजों को दवाएं दी जा रही थीं। यह दवाएं वाकई में रिटायर कर्मचारियों या स्टाफ को ही दी जाती हैं, जैसा कि सीएमएस दावा कर रहे हैं, रिपोर्ट में इस बात का कोई प्रमाण नहीं है।

नहीं करायी न्यूट्रल जांच

हैरत की बात है कि दवा वितरण में इतना बड़ी हेराफेरी सामने आने के बावजूद मामले की न्यूट्रल जांच नहीं करायी गई। इससे जाहिर होता है कि चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारी भी डीएम के इशारे को समझकर नजरअंदाज कर गए।

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का डीएम ने निरीक्षण किया था जिसमें उन्होंने मरीजों को हालचाल लिया। सफाई व्यवस्था देखी जो सभी ठीक मिली। इसमें उन्होंने किसी बात का स्पष्टीकरण या जवाब नहीं मांगा। फिर भी जो रिपोर्ट मांगी थी उसे भेज दिया है.

केएस गुप्ता, सीएमएस