-गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद भी नहीं हुए अलर्ट

-बच्चा वार्ड से लेकर हॉस्पिटल परिसर में जगह-जगह गंदगी

BAREILLY

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 63 बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के सभी सरकारी हॉस्पिटल्स में अलर्ट जारी है। बावजूद इसके अलर्ट का असर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में नहीं दिखाई पड़ रहा है। गोरखपुर में हुई घटना के लिए सीएम ने गंदगी को जिम्मेदार बताया, तो बरेली के हॉस्पिटल में गंदगी के बीच ही इलाज हो रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का रियलिटी चेक किया तो गंदगी का नजारा चौंकाने वाला रहा। आइए आपको बताते हैं

बच्चा वार्ड में गंदगी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बने बच्चा वार्ड की सफाई व्यवस्था बेहद खराब पाई गई। वार्ड में 31 बेड हैं, अधिकांश बेड के नीचे मरीजों व तीमारदारों द्वारा खाए फल और बचा हुआ खाना पड़ा था। जिसके कारण वार्ड में मक्खियां बैठी थीं। वार्ड में कहीं भी डस्टबिन नहीं रखा हुआ था। बेड पर बिछाने वाली चादरें जमीन पर पड़ी थीं जो बाद में बेड में बिछाई जाएंगी। ऐसे में उस बेड पर लेटने वाले बच्चे को और भी इनफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

बच्चा वार्ड के सामने मिली शराब

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बने बच्चा वार्ड के ठीक सामने शराब की बोतलें और डिस्पोजल ग्लास मिले। जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कर्मचारी किस हालत में काम कर रहे हैं।

बायो मेडिकल वेस्ट कक्ष के आगे जलभराव

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बना बायो मेडिकल वेस्ट कक्ष के आगे जलभराव होने से यहां पर मच्छरों का जमावड़ा है। ये कक्ष इमरजेंसी वार्ड के नजदीक होने के कारण यहां भर्ती मरीजों को लगातार संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता है।

लखनऊ की कंपनी देख रही काम

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सफाई व्यवस्था लखनऊ की प्राइम कंपनी देख रही है। कंपनी ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सफाई के लिए लगभग 50 कर्मचारियों को लगाया हुआ है। लेकिन ये कर्मचारी अपना काम ठीक से न करके जहां-तहां कूड़े का ढेर लगा देते हैं। कैंपस में बनी नालियां चोक हैं जिसकी वजह से गंदा पानी वार्डो के बाहर एकत्र हो जाता है।

सभी वार्डो में सफाई व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिए जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यदि लापरवाही होगी तो कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। केएस गुप्ता , सीएमएस