-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दो घंटे कार्य बहिष्कार, 3 घंटे प्रभावित रही ओपीडी

-काम में लापरवाह स्टाफ के अडि़यल रवैया से मरीज रहे हलकान

BAREILLY

एक्सपायर दवाएं देने और मरीज को दूसरे का ट्रीटमेंट दिए जाने का खुलासा होने के बाद से तमतमाए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल स्टाफ की दादागीरी कम होने का नाम नहीं ले रही है। संडे को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हॉस्पिटल में भाजपाइयों के इंस्पेक्शन को जायज ठहराया, तो मंडे डॉक्टर्स से लेकर फोर्थ क्लास स्टॉफ ने ओपीडी को ठप कर दिया, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। साढ़े दस बजे के बाद स्टाफ काम पर लौटा, लेकिन ओपीडी को सामान्य होने में दो घंटे लग गए।

दो घंटे चला प्रदर्शन-नारेबाजी का सिलसिला

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में स्टाफ ने सुबह से ही माहौल को खराब करना शुरू कर दिया था। सुबह करीब 8:30 बजे से स्टाफ ने सीएमओ ऑफिस के गेट पर एकत्र होना शुरू कर दिया। जिसके बाद स्टाफ ने काली पट्टी बांधकर प्रशासन और सरकार के विरोध में प्रदर्शन-नारेबाजी करना शुरू कर दिया। ये सिलसिला दो घंटे तक चलता रहा।

मजिस्ट्रेट जांच को प्रभावित करने का प्रयास

हॉस्पिटल स्टाफ को कार्य बहिष्कार के पीछे मजिस्ट्रेट जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से किया गया। स्टॉफ के इस कार्य में महकमा के अधिकारी भी उनका पूरा सपोर्ट कर रहे हैं। मंडे को कार्य बहिष्कार करने के दौरान स्टाफ ने कहा यदि कोई जांच पक्ष में नहीं हुई तो सभी लोग सामूहिक इस्तीफा देंगे।

मरीज होते रहे परेशान

बच्चे रोते रहे बूढ़े खांसते रहे पर हॉस्पिटल स्टाफ अपना धरना प्रदर्शन करता रहा। स्टाफ के कार्य बहिष्कार के कारण मंडे को करीब 4 घंटे तक मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। डॉक्टर्स के न बैठने पर भी मरीज ओपीडी के बाहर ही लाइन लगाकर बैठ गए। पर्चा काउंटर पर मरीजों में पहले से जगह को घेरने के लिए धक्का-मुक्की भी करनी पड़ी।

कार्रवाई हुई तो नहीं चलेगा हॉस्पिटल

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के स्टाफ ने मंडे को सीएमएस ऑफिस में सीएमएस की मौजूदगी में ये बात साफ कर दी कि यदि प्रशासन की ओर से की जा रही जांच में किसी भी स्टाफ को दोषी करार दिया जाता है या उस पर कार्रवाई की जाती है तो हॉस्पिटल में कोई भी कार्य नहीं होने दिया जाएगा।