-ई हॉस्पिटैलिटी की सुविधाओं से होगा लैस

-हर बार ओपीडी के लिए नहीं कराना होगा रजिस्ट्रेशन

BAREILLY

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल अब ई-हॉस्पिटल्स की सूची में शुमार करेगा। अब यहा क्रिटिकल डिजीज के इलाज और ऑपरेशन टेलीमेडिसिन के जरिए हो सकेंगे। ओपीडी का रजिस्ट्रेशन एक बार होगा, हर बार पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगने से छुट्टी मिल जाएगी। हॉस्पिटल में अवेलेबल मेडिसिन भी पेशेंट्स देख सकेंगे, जो डिस्प्ले बोर्ड पर शो करेंगी।

इलाज में मिलेगी सहूलियत

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अक्सर डॉक्टर की कमी रहती ही है। ऐसे में ई हॉस्पिटल खुलने से इलाज को आने वाले मरीजों को डॉक्टर न होने पर भी इलाज मिल सकेगा। इसके लिए टेलीमेडिसिन के जरिए हायर हेल्थ सेंटर से संपर्क कर डाक्टर मरीज को ट्रीटमेंट देने के बारे में जानकारी देंगे। इस व्यवस्था से गंभीर बीमारियों वाले पेशेंट्स को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ही इलाज मिल सकेगा।

ओपीडी में टोकन सिस्टम

रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू होने के बाद पेशेंट का एक बार हॉस्पिटल में इनरोलमेंट होगा, जो करीब छह माह के लिए वैलिड होगा। इसके बाद पेशेंट को सीधे ओपीडी में डॉक्टर के चेंबर से पर्चा बनवाना होगा। पर्चे पर ही नंबर दर्ज हो जाएगा। पेशेंट का जब नंबर आएगा तो उन्हें कॉल किया जाएगा। जबकि, अभी पेशेंट्स को घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है।

डिस्प्ले पर शो होंगी दवाएं

ई हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों की संख्या के साथ-साथ हॉस्पिटल में मौजूद दवाओं के नाम और मात्रा के बारे में पूरी जानकारी एलसीडी पर डिस्प्ले होगी। जिससे हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को दवा काउंटर पर यदि दवा कम दी जाती है। तो वे फार्मासिस्ट से दवा को पूरा करने के लिए सीधे तौर पर बोल सकेगा।

सिस्टम में आएगी पारदर्शिता

ई हॉस्पिटल में खुलने पर भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। पूरा सिस्टम ऑनलाइन होने के कारण मरीजों की संख्या से लेकर दवाओं की स्थिति को डिस्प्ले पर शो करना होगा। ऐसे में अधिकारियों और स्टाफ द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार पर लगाम लग जाएगी। यदि कोई गड़बड़ी करता है, तो इलाज को आने वाले मरीज या तीमारदार अधिकारियों को सीधे तौर पर शिकायत कर सकेंगे।

ई हॉस्पिटल शुरू करने के लिए सभी तैयारी कर ली गई हैं। कार्यदायी संस्था से संपर्क हो गया है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

डॉ। केएस गुप्ता, सीएमएस