-हॉस्पिटल में टॉयलेट पर ताला होने से खुले में टॉयलेट करने को मजबूर

-मरीजों और उनके तीमारदारों के टॉयलेट में साफ-सफाई ठीक न होने से आती है वार्ड तक दुर्गध

BAREILLY :

पूरे देश में जहां एक तरफ सरकार घर-घर शौचालय बनवा कर स्वच्छता की अलख जगा रही है। वहीं दूसरी तरफ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में स्वच्छता पर ही ताला डाल दिया है। ट्यूजडे को सुबह 11 बजे करीब महिला हॉस्पिटल और पुरुष हॉस्पिटल में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो हकीकत सामने आ गई। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के महिला और पुरुष हॉस्पिटल में करीब आधा दर्जन टॉयलेट पर ही ताला लटका मिला। लेकिन पब्लिक टॉयलेट के लिए इधर उधर भटक रही थी। आइए दिखाते हैं हकीकत

दिव्यांग के टॉयलेट में गदंगी

मेल हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में एंट्री करने से पहले राइट हैंड पर एक टॉयलेट दिव्यांगों के लिए बना तो है लेकिन उस टॉयलेट को कई दिनों से साफ तक नहीं किया गया है। रैंप पर गंदगी की भरमार है। टॉयलेट के अंदर इतनी गंदगी है कि जिसे दैनिक जागरण आईनेक्स्ट दिखा नहीं सकता। यही वजह है कि टॉयलेट तो लेकिन गंदगी के चलते दिव्यांग यहां जाने से कन्नी काटते हैं।

इमरजेंसी में टॉयलेट सिर्फ स्टॉफ को

इमरजेंसी वार्ड में जैसे ही एंट्री की तो राइट हैंड पर भी एक टॉयलेट बना हुआ था। जिसके ऊपर कर्मचारियों ने बड़ा सा स्टाफ का नोटिस बोर्ड लगाकर टॉयलेट गेट पर बड़ा ताला लटका दिया। जब वहां पर जाकर टॉयलेट की चाबी के बारे में मरीज के तीमारदार ने पूछा तो बताया कि यह टॉयलेट सिर्फ स्टाफ के लिए है। जबकि इमरजेंसी में मरीजों के लिए बनी टॉयलेट में दुर्गध के चलते एंट्री करना भी मुश्किल हो रहा था।

टॉयलेट को बना दिया वर्कशॉप

महिला हॉस्पिटल के सीएमएस आफिस के पास खुले में पब्लिक के लिए टॉयलेट बनाया गया था। टॉयलेट भी ठीक है लेकिन उस टॉयलेट में वेल्िडग का काम कर रहे मैकेनिक ने अपना सामान रख कर उसे वर्कशॉप बना दिया। जबकि टॉयलेट करने वाली पब्लिक टॉयलेट के बाहर दीवार की आड़ लेकर खुले में टॉयलेट कर रहे हैं। इससे हॉस्पिटल में भी दुर्गध और बीमारी फैल रही है, लेकिन इसके बाद भी कोई देखरेख करने वाला नहीं है।

महिला हॉस्पिटल में पुरुष टॉयलेट बंद

महिला हॉस्पिटल के ग्राउंड फ्लोर और सेकंड फ्लोर पर पुरुषों के लिए टॉयलेट बने हुए है, लेकिन ग्राउंड फ्लोर और फ‌र्स्ट फ्लोर पर पुरुषों के टॉयलेट पर ताला पड़ा है। जबकि ग्राउंड फ्लोर और फ‌र्स्ट फ्लोर पर मरीज तो एडमिट है, लेकिन उनके तीमारदार पुरुष और महिला दोनों हैं।

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हॉस्पिटल में टॉयलेट बंद है, इमरजेंसी के टॉयलेट में जाने की हिम्मत न हुई। इमरजेंसी एक टॉयलेट साफ दिखा तो ताला खोलने के लिए कहा तो बता दिया कि यह तो स्टॉफ के लिए हैं।

रामऔतार, फतेहगंज पश्चिमी

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महिला हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आया हूं। टॉयलेट देखकर उसकी तरफ बढ़ा लेकिन दिखा कि उसमें लॉक लगी है। बाहर खुले में देखा तो वहां भी टॉयलेट में ताला पड़ा था। आसपास हॉस्पिटल स्टाफ से ताला खोलने के लिए कहा, तो सभी ने चाबी न होने की बात कही। लिहाजा, कम्पाउंड के कोने में जगह देखकर जाना पड़ा।

सुनील, मीरगंज

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हॉस्पिटल में ताला लगा है तो उसे खुलवा दिया जाएगा। अब मुझे जानकारी मिली है। इसके बारे में जानकारी करूंगी, कि ताला क्यों लगाया है।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस महिला हॉस्पिटल

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