डिस्ट्रिक्ट जेल में लगाया गया पोल डिटेक्शन सिस्टम

सिस्टम के सामने से गुजरते ही मेटल की दे देता है जानकारी

BAREILLY: जेल के अंदर अक्सर बंदी सिम, ब्लेड व अन्य सामान छिपाकर ले जाते हैं। जिसका बंदी नाजायज फायदा उठाते हैं। कई बार बंदी पेशी के दौरान ब्लेड से जानलेवा हमला भी कर देते हैं, लेकिन अब जेल में कोई भी सामान ले जाना आसान नहीं रह गया है। बरेली डिस्ट्रिक्ट जेल में पोल डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है। इस सिस्टम के सामने से कोई भी मेटल की वस्तु आती है तो वह बीप की आवाज कर अलर्ट कर देता है।

जेलों से आपरेट होते हैं गैंग

जेलों से गैंग ऑपरेट होने की अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं। कई अपराधिक गतिविधियां भी जेल से चलती हैं। जेल में बंद कई बड़े अपराधी जेल कर्मचारियों की मिली भगत से या फिर मुलाकाती के जरिए अंदर सिम, मोबाइल या अन्य कोई वस्तु छिपाकर ले जाते हैं। जिसके चलते जेल प्रशासन को भी प्राब्लम होती है। प्रदेश की कई जेलों में चेकिंग के दौरान इस तरह के सामान पकड़े गए थे, जिसके बाद शासन ने सभी जेलों में पोल डिटेक्शन सिस्टम लगाने के निर्देश जारी किए हैं। यही नहीं कुछ जेलों में जैमर भी लगाए गए हैं।

आवाज से चल जाता है पता

शासन के निर्देशों के तहत बरेली डिस्ट्रिक्ट जेल में भी पोल डिटेक्शन सिस्टम लग गया है। यह सिस्टम काफी पहले आ गया था, लेकिन पहले इसका ट्रायल हो रहा था। अब इसे जेल के मेन गेट में एंट्री करने के बाद लगाया गया है। इसकी कीमत करीब 13 लाख रुपए है। जेल में पहुंचने वाले सभी बंदियों और मुलाकातियों को इस पोल सिस्टम के सामने से गुजारा जाता है। जैसे ही कोई शख्स इसके सामने से मोबाइल सिम, मोबाइल, ब्लेड, या अन्य कोई मेटल की वस्तु लेकर निकलता है तो सिस्टम आटोमैटिक आवाज करने लगता है। जिससे कर्मचारी समझ जाते हैं कि बंदी या मुलाकाती के पास कोई ऐसी वस्तु है जो संदिग्ध है। फिर उसे साइड में खड़ा कर तलाशी ली जाती है और फिर उसे अंदर एंट्री दी जाती है। जेल से कोर्ट में तारीख पर ले जाने और फिर वापस आने के दौरान भी बंदी को इसके सामने से गुजारा जाता है। इसके अलावा मुलाकातियों को वापस भी जाने पर इसके सामने से ही गुजरना पड़ता है।

जेल में किसी भी तरह के सिम या मेटल को ले जाने से रोकने के लिए पोल डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है। यह सिस्टम काफी यूजफुल साबित हो रहा है।

डीआर मौर्या, डिस्ट्रिक्ट जेल सुपरिंटेंडेंट