- डीएम ने मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड का लिया जायजा

- इमरजेंसी 12 व 100 बेड वाले वार्ड में भर्ती मरीजों का जाना हाल

GORAKHPUR: जेई व एईएस मरीजों का हाल व व्यवस्था का जायजा लेने गुरुवार को डीएम ओएन सिंह अपने मातहतों के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। ट्रामा सेंटर से होते हुए इमरजेंसी 12 व 100 बेड वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड के मरीजों का हाल जाना। इस दौरान एक मरीज ने बताया कि गांव में एक डॉक्टर से इलाज कराया, जिसने स्लाइन भी चढ़ाई फिर भी बच्चे की स्थिति में सुधार नहीं हुआ और वह ज्यादा बीमार पड़ गया। इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने सीएओ को निर्देश दिया कि झोलाछाप डॉक्टर्स पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। साथ ही उन्होंने झोलाछाप डॉक्टर्स की लापरवाही से हुई मौत का रिकार्ड मेडिकल कॉलेज प्रशासन से मांगा है।

मरीज की इंट्री व रजिस्ट्रेशन का जाना हाल

दोपहर लगभग 12.30 बजे डीएम ओएन सिंह ट्रामा सेंटर पहुंचे। जहां पहले से ही प्रिंसिपल, बाल रोग विभागाध्यक्ष, ट्रामा सेंटर प्रभारी मौजूद थे। उन्होंने प्रिंसिपल से जेई व एईएस मरीजों की इंट्री व रजिस्ट्रेशन के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि अमूमन ज्यादातर मरीज ट्रामा सेंटर से होकर इमरजेंसी 12 पहुंचते हैं। जहां से उन्हें 100 नंबर इंसेफेलाइटिस वार्ड में भेज दिया जाता है। इस बीच उन्होंने कहा कि मरीज की इंट्री व रजिस्ट्रेशन के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ती है। लिहाजा 100 नंबर वार्ड में ही उनकी व्यवस्था की जाए, जिससे कम समय में उनकी जान बचाई जा सके और आईसीयू की सुविधा तत्काल मिल सके।

इंडिया मार्का हैंड पंप से पानी पीने का दिया सलाह

डीएम ओएन सिंह प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्रा के साथ ट्रामा सेंटर होते हुए 12 नंबर इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। जहां उन्होंने बंद आईसीयू का जायजा लिया और उसका तुरंत चालान करने का आदेश दिया। इसके बाद वह वार्ड 12 बी में बेड संख्या 12 पर भर्ती सीवान जिले के चितमट निवासी पांच वर्षीय पीयूष पुत्र अवधेश से बात की गई तो उसने बताया कि घर में लगे छोटे हैंड पंप के पानी का सेवन किया जाता है। इस पर डीएम ने सलाह देते हुए कहा कि गावों में इंडिया मार्का हैंड पंप लगाए गए है। सिर्फ इसका का पानी इस्तेमाल करें। इसके बाद वह कुशीनगर की श्वेता पुत्री बेचू प्रसाद से बेड संख्या दस पर पहुंचे, जहां उसकी मां रेखा देवी से इलाज के बारे में पूरी जानकारी ली। उसने बताया कि इण्डिया मार्का पंप से पीला पानी निकलता है। जिसका सेवन गांव के लोग भी करते हैं। उसने बताया कि मैं गांव की आशा हूं। इस पर उन्होंने कहा कि आशा होने के बाद भी जागरुकता का अभाव है, जिसकी वजह से बीमारी घर कर रही है। यहां से वह सीधे बेड संख्या 9 पर शिवम तिवारी पुत्र मुन्ना तिवारी निवासी कुशीनगर, बेड संख्या 7 पर आदित्य यादव पुत्र रूदल यादव निवासी पड़री तिवारी सलेमपुर देवरिया से भी बात की और उन्हें भी शुद्ध पानी पीने की सलाह दी। यहां से वह सीधे 100 नंबर बेड इंसेफालाइटिस वार्ड एल केबिन पहुंचे, जहां चौरीचौरा के नई बाजार निवासी आयुष पुत्र लाल बिहारी 41 नंबर बेड पर एडमिट रहे। उनके इलाज की जानकारी ली। इसके बाद वह बेड संख्या 49 पर छह वर्षीय खुशी पुत्री नसीम से मिले।

पहुंच गए बाल राेग आईसीयू

जेई व एईएस की व्यवस्था व मरीजों का हाल जानने के बाद डीएम ओएन सिंह बाल रोग आईसीयू में पहुंच गए। जहां नवजात शिशु का इलाज चल रहा था। यहां के बारे में जब उन्होंने प्रिसिंपल से बात की तो उनका कहना था कि इसके लिए बड़े हॉल की जरूरत है। छोटा आईसीयू होने की वजह से नवजात शिशु का इलाज करने में दिक्कत आती है। इसके लिए 17 लाख रुपए का प्रस्ताव पहले ही बनाकर शासन को भेज दिया गया है लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द इस व्यवस्था को लागू कराया जाएगा। दवा पर उन्होंने कहा कि इस संकट को जल्द दूर किया जाएगा। फंड की कमी आड़े हाथ नहीं आएगी।

वर्जन

जेई व एईएस के इलाज की व्यवस्था को देखने आया हूं। मरीजों की सहूलियत के लिए रजिस्ट्रेशन और इंट्री प्वाइंट की दूरी को कम करने का निर्देश दिया गया है। इससे मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा मिल सके। इसलिए पहले से ही तैयारी की जा रही है।

ओएन सिंह, डीएम