डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में औचक इंस्पेक्शन के दौरान बिफरे नए डीएम

ओपीडी-इमरजेंसी में देखीं खामियां, डॉक्टर्स को लगाई फटकार

चेताया पेशेंट्स को दें बुनियादी सुविधाएं, तीन दिन में फिर इंस्पेक्शन की चेतावनी

BAREILLY: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मरीजों की सुध लेने की जिम्मेदारों की कवायद एक बार फिर थर्सडे को नजर आई। बरेली के नए डीएम संजय कुमार ने थर्सडे को सुबह क्0.ब्भ् बजे अचानक हॉस्पिटल का इंस्पेक्शन किया। नए डीएम के इस तरह अचानक पहुंचने से हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। डीएम ने ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वॅ‌र्फ्ड तक मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं और व्यवस्था की असलियत परखी। हॉस्पिटल में हर ओर बदइंतजामी देख डीएम कई बार भड़के और जिम्मेदारों को इसे सुधारने के निर्देश दिए। एक बार फिर अव्यवस्थाओं पर आला अधिकारी की डांट खाकर सीएमएस ने तुरंत सब दुरूस्त कराने का राग अलापा तो डीएम ने फिर चेताया। डीएम ने सीएएमस को साफ कहा कि सिर्फ व्यवस्था का आश्वासन नहीं रिजल्ट चाहिए, वो भी 7 दिन में। साथ ही अगले तीन दिन में फिरे से इंस्पेक्शन कर व्यवस्था का हाल परखने की चेतावनी दी।

देखी ओपीडी की असलियत

डीएम ने सीएमओ डॉ। विजय यादव और सीएमएस डॉ। आरसी डिमरी के साथ सबसे पहले ओपीडी का रूख किया। वहां लाइनों में लगे पेशेंट्स से इलाज की जानकारी ली। फिर ओपीडी में मौजूद डॉक्टर्स का रजिस्टर देखकर पेशेंट्स की संख्या जानी। इस दौरान मरीजों ने देर तक लाइन में खड़े होने के बावजूद ठीक से इलाज न मिलने या बार बार कहीं और दौड़ाए जाने और ठीक से बर्ताव न किए जाने की शिकायत की। डीएम ने इंस्पेक्शन के दौरान ओपीडी में खुले चैम्बर्स में कई कुर्सियां खाली भी देखी। इस पर सीएमएस से जवाब तलब कर लिया।

तो क्यों न जाएं पेशेंट्स निजी हॉस्पिटल

ओपीडी के ऊपरी हिस्से में पहुंचने पर एक महिला ने डीएम से बार-बार आने के बावजूद इलाज न मिलने की पीड़ा बताई। महिला ने बताया कि डॉ। अनिल अग्रवाल के पास इलाज के लिए बार-बार मिलने के बावजूद वह हर बार ऊपर ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास भेज देतें और यहां भी इलाज नहीं मिलता। पता करने पर मालूम चला कि ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। एस के यादव छुट्टी पर हैं। इस पर डीएम ने डॉ। अनिल अग्रवाल से जवाब तलब किया। डॉक्टर ने ईएनटी स्पेशलिस्ट से ही इलाज होने की बात की तो डीएम ने फटकार लगाई कि अगर रेफर करना ही था तो पर्चे में लिखित में ही क्यों न किया। आप लोगों के ऐसे रवैये के चलते ही पेशेंट्स प्राइवेट हॉस्पिटल जाते हैं।

ढूंढने पर नहीं दिखा स्ट्रेचर

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अक्सर दवा, पुरानी फाइलें या रद्दी ढोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्ट्रेचर डीएम को इमरजेंसी वॉर्ड में नहीं दिखी। ओपीडी से इमरजेंसी का दौरा करने पहुंचे डीएम ने ईएमओ से पेशेंट्स को वॉर्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर के बारे में सवाल किया। ईएमओ के स्ट्रेचर बाहर होने की दलील पर डीएम ने ईएमओ रूम से बाहर आकर कई जगह तलाशा पर स्ट्रेचर नदारद दिखी। इस पर डीएम ने ईएमओ को फटकारा कि क्या रूम में रखने को स्ट्रेचर रखी गई हैं। डीएम ने इन लापरवाहियों पर जमकर डॉक्टर्स को लताड़ लगाई।

बदइंतजामी से हुए रुबरू

इमरजेंसी वॉर्ड में ही डीएम ने पेशेंट्स को इलाज के साथ मुफ्त में मिलने वाली मुसीबतों के बारे पता चला। डीएम के वॉर्ड में पहुंचते ही शहाबुद्दीन नाम के एक आदमी ने जबरदस्ती उसकी बीमार पत्‍‌नी को निकाले जाने की शिकायत की। शहाबुद्दीन की पत्‍‌नी पिछले चार दिनों से इमरजेंसी वॉर्ड में बीमारी की वजह से एडमिट थी। वहीं होम्योपैथिक इलाज की कंप्लेन लेकर एक महिला ने भी डीएम से गुहार लगाई। पेशेंट्स के साथ बदसलूकी पर नाराज डीएम ने सीएमएस से इन मामलों की जांच कराकर कार्रवाई करने को कहा।

जल्द बनाएं पूछताछ कॉउंटर

इमरजेंसी वॉर्ड में ही पेशेंट्स के लगे इकलौते कूलर में पानी न होने पर डीएम का गुस्सा एक बार फिर फूटा। पूछा बिना पानी के कूलर का क्या यूज। लापरवाही पर एक बार फिर सीएमएस को फटकारा। डीएम ने हॉस्पिटल में भटकने वाले पेशेंट्स की सुविधा के लिए जल्द पूछताछ कॉउंटर खोले जाने के निर्देश दिए। पूरे इंस्पेक्शन के दौरान डीएम ने पेशेंट्स से जुड़ी सुविधाओं पर निगाह रखी। हॉस्पिटल में साफ सफाई, पेशेंट्स के मिलने वाली दवा, इलाज, पीने के पानी और बिजली की सप्लाई पर जिम्मेदारों से जवाब तलब किया और ढिलाई पर कड़ी चेतावनी दी।