- कूड़े से अटे पड़े हैं डलाब घर, उफना रही नालियां

- जलापूर्ति के लिए परेशान आवाम, चोक पड़े हैं सीवर

- 343 करोड़ की जिला योजना के प्रस्तावों को रखा जाएगा

आई एक्सक्लूसिव

Meerut : नगर विकास मंत्री आजम खां आज शहर में हैं। खुश होने की बात यह है कि कबीना मंत्री मेरठ की जिला योजना के प्रभारी मंत्री भी हैं। सरकार का कार्यकाल लगभग पूरा होने को है और विकास का पहिया आज भी जाम का जाम ही है। नई योजनाएं फलीभूत नहीं हुई तो पुरानी योजनाओं के संचालन में ही 'सरकार' हांफ रही है। आइए डालते हैं एक नजर

कूड़ा निस्तारण

जनगणना 2011 के मुताबिक मेरठ शहर की आबादी 17 लाख है। करीब 850 मैट्रिक टन कूड़ा रोजाना उत्पादित हो रहा है। कितना उठता है, बताना पड़ेगा? डलाबघर कूड़े से उफना रहे हैं तो सड़कों के किनारों को कूड़ाघर बना दिया है।

जलापूर्ति

करीब 250 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) जलापूर्ति जलकल विभाग कर रहा है। जिसमें से 100 एमएलडी गंगाजल की सप्लाई शामिल है। पर कैपिटा के मुताबिक अभी खपत और सप्लाई में अंतर है। नतीजन जनता पानी के लिए परेशान है, सटे इलाकों में पानी की समस्या है।

सीवरेज ट्रीटमेंट नहीं

मेरठ में 240 एमएलडी सीवरेज के ट्रीटमेंट के लिए महज 72 एमएलडी का एसटीपी स्थापित है, जो पूरी तरह से संचालित नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद हरकत में आई केंद्र और राज्य सरकार 220 एमएलडी का एसटीपी लगाने की योजना पाइप लाइन में है।

बेतरतीब शहर

प्राधिकरण और निगम के बीच तालमेल नहीं है और शहर में बेतरतीब विकास जारी है। निर्माणी एजेंसी सड़क बना रही है तो निगम का बुल्डोजर उसे खोद रहा है। अतिक्रमणकारियों ने सड़क पर कब्जा जमा लिया है। विभागों की नजरअंदाजी ने अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहे हैं।

सोमवार को बचत भवन में कबीना मंत्री 343 करोड़ की जिला योजना को मंजूरी देंगे। सभी विभागों के विभिन्न विकास प्रस्तावों को इस दौरान रखा जाएगा। जल निगम के पेयजल प्रस्ताव हैं, पीडब्ल्यूडी 37 सड़कों के प्रस्ताव रखेगा।

-विशाख जी., मुख्य विकास अधिकारी, मेरठ