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01
लाख से अधिक स्टूडेंट्स को सरकारी छात्रवृत्ति जिले में प्रदान की जाती है।
70
हजार आवेदनो को किया गया रिजेक्ट
22
हजार रहे सहायता पाने वाले जनरल कैंडिडेट
48
हजार थे सहायता पाने वाले पिछड़े कैंडिडेट
02
रुपये सालाना मिलते हैं जनरल और ओबीसी कैंडिडेट को
2.5
लाख सालाना है एससी-एसटी की लिमिट
माता-पिता की सालाना आय छिपाना पड़ सकता है महंगा
इनकम टैक्स विभाग करेगा निगरानी, ब्लैक लिस्ट होने का खतरा
ALLAHABAD: छात्रवृत्ति की रकम लेकर ऐश करने वालों की खैर नही है। पकड़े गए तो जीवन भर सूची से बाहर होना पड़ सकता है। क्योंकि, इस साल से इनकम टैक्स विभाग की नजर दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति लेने वाले स्टूडेंट्स पर रहेगी। अभी तक फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर आर्थिक सहायता लेने वालों को पकड़े जाने पर आजीवन ब्लैक लिस्ट भी होना पड़ सकता है।
मांगी जा रही है आधार डिटेल
अभी तक स्टूडेंट को ऑनलाइन स्कॉलरशिप के ऑनलाइन आवेदन में केवल अपने आधार की डिटेल देनी होती थी। नए प्रोफार्मा में माता या पिता का आधार भी देना होगा। इससे आवेदक सहित उसके पैरेंट्स की अकाउंट डिटेल भी सामने आ जाएगी। ऐसे में यह तय हो जाएगा कि स्टूडेंट को स्कॉलरशिप देनी है या नहीं। बता दें कि कई संस्थानों ने अलग से भी स्टूडेंट्स से माता-पिता का आधार जमा कराना शुरू कर दिया है। मौका पड़ने पर यह जानकारी वह शासन के साथ शेयर करेंगे।
इनको हर महीने 500 रुपए स्कालरशिप
कताई-बुनाई विषय के प्रति छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कदम उठाने जा रही है। प्रदेश सरकार इस विषय से इंटर करने वाले स्टूडेंट्स को प्रति माह पांच सौ रुपए की स्कालरशिप देगी। वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिये यूपी हैंडलूम, पावरलूम, टेक्सटाइल व गारमेंटिंग पॉलिसी-2017 के तहत यह फैसला लिया गया है। यह स्कॉलरशिप कताई-बुनाई विषय से कक्षा 11 पास करने के बाद दी जाएगी।
कक्षा 9-10 स्कालरशिप की बढ़ी डेट
दशमोत्तर छात्रवृत्ति के आवेदन की अंतिम तिथि शासन ने पूर्व में दस अक्टूबर तक बढ़ा दी थी। अब 9 और 10 के छात्रवृत्ति आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ाई है। शासन के इस निर्णय से छात्रों में खुशी की लहर है। लंबे समय से समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग चल रही थी।
जो छात्र आवेदन के दौरान गलत जानकारी फिलअप करेंगे वह भविष्य मे ंजांच में फंस सकते हैं। माता-पिता का आईटीआर जमा कराना होगा। फजीवाड़ा पकड़े जाने पर स्टूडेंट ब्लैक लिस्ट हो सकता है।
-प्रवीण सिंह,
जिला समाज कल्याण अधिकारी, इलाहाबाद