- दबंगों ने भूमि पर कर लिया कब्जा, नहीं सुनी फरियाद

GULRIHA/PIPRAICH: एक तरफ सरकार दिव्यांगों की सहूलियत के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, वहीं अधिकारी उनके प्रति अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं। अपने हक के लिए दर-दर भटक रहे दिव्यांग की फरियाद सुनने को कोई तैयार नहीं है। दिव्यांग परिवार की झोपड़ी ढाहकर दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन्हें मारपीट कर भगा दिया। फरियाद लेकर दिव्यांग थाने गए तो पुलिस ने फरियाद अनसुनी कर दी। आखिर दिव्यांग किसके पास जाएं। दिव्यांग परिवार ने सोमवार को जिले के अधिकारियों को अपना दुखड़ा सुनाया।

ढहाया गरीब, दिव्यांग का घरौंदा

गुलरिहा, चिलबिलवा निवासी राजेश और उनकी पत्‍‌नी मीरा दिव्यांग हैं। राजेश को एक आंख से कम दिखाई देता है तो मीरा पैरों से बेबस है। पति-पत्‍‌नी अपनी भूमि से बेदखल कर दिए गए हैं। गांव के दबंगों ने उनकी भूमि पर कब्जा करने के लिए पुलिस की मदद ली। दिव्यांग दंपति की भूमि पर बना घरौंदा ढहा दिया। आठ जून को पीडि़त पक्ष ने भटहट पुलिस चौकी पर मामले की शिकायत की। पुलिस ने दूसरे पक्ष को बुलाया। लेकिन कार्रवाई के बजाय पीडि़त पक्ष पर पुलिस दबाव बनाने लगी। आरोप है कि आरोपियों से एक लाख रुपए दिलाकर कब्जा की गई भूमि को खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है। राजेश और मीरा के नाम से भूमि के कागजात होने के बावजूद इंसाफ के लिए उनको भटकना पड़ रहा है।

ब्रह्मस्थान पर रह रहा परिवार

पिपराइच एरिया के सिधावल निवासी रंजना और उसके पति छांगुर आंखों से दिव्यांग हैं। दोनों को प्रधान चुनाव की रंजिश की कीमत चुकानी पड़ रही है। दबंगों ने उनकी झोपड़ी ढहाकर बेघर कर दिया। बच्चों के साथ कुनबा गांव के बाहर पीपल के पेड़ के नीचे रह रहा है। आरोप है कि 23 जून को दबंगों ने भूमि खाली कराने के लिए उनकी झोपड़ी तोड़ दी। फरियाद लेकर दिव्यांग दंपति पिपराइच थाने पहुंचा तो इंस्पेक्टर ने डांटकर भगा दिया। पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर दोनों ने कार्रवाई की मांग की। लेकिन उनकी फरियाद कागजों में पड़ी रह गई। पति-पत्‍‌नी ने बताया कि 40 साल से दोनों भूमि पर काबिज थे। फिर भी पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही।