जल्द बढ़ सकता है रेल किराया

भारतीय रेल की इनकम को सुधारने के लिए बनाई गई डीके मित्तल कमेटी ने अपने सुझावों की एक लंबी फेहरस्ती रेलविभाग को सौंप दी है. इन सुझावों में उपनगरीय रेलगाड़ियों के किराए में बढ़ोत्तरी की संभावनाएं जताई जा रही हैं. गौरतलब है कि सवारी गाड़ियों एवं एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा की न्यूनतम दूरी को भी कम करने का सुझाव दिया गया है. दरअसल सवारी गाड़ियों में मिनिमम डिस्टेंस को 10 किलोमीटर से बढ़ाकर 20 किलोमीटर किया गया है. इसके अलावा एक्सप्रेस ट्रेनों में मिनिमम डिस्टेंस को 50 से बढ़ाकर 100 किलोमीटर किया गया है. इसके हिसाब से यदि किसी को भारतीय रेल से सफर करना हो तो या फिर माल ढोना हो तो उसे मिनिमम 20 और 100 किलोमीटर के लिए किराया देना होगा.

धीरे-धीरे हो बढ़ोत्तरी

डीके मित्तल कमेटी के अनुसार उपनगरीय रेल सेवाओं का किराया सड़क यातायात के मुकाबले 60 प्रतिशत कम है. ऐसे में उपनगरीय ट्रेनों में हर दो महीने बाद दो पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया गया है. इसके साथ ही इस बढ़ोत्तरी को तब तक जारी रखने का आदेश दिया गया है जब तक कि रेल के किराए लाभ की स्थिति में ना पहुंच जाएं. हालांकि लंबी दूरी की मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों में कितनी बढ़ोत्तरी होनी चाहिए इस बारे में कमेटी ने कुछ नही कहा है.

सार्वजनिक उपक्रमों को मिले रेल ठेके

मित्तल कमेटी ने रेल परियोजनाओं के ठेके सार्वजनिक उपक्रमों को दिए जाने का सुझाव दिया है. कमेटी से जुड़े सूत्रों के अनुसार रेलवे के उपक्रमों को ऑपरेट करने और प्रोजेक्ट्स पूरे करने के लिए बैंकों से लोन लेने का अधिकार होना चाहिए. इसके साथ ही प्रोजेक्ट्स कंपलीट होने के बाद रेलवे को सौंपे जा सकते हैं. उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार आगामी रेल बजट में इस रिपोर्ट में से कुछ बिंदुओं को बजट में शामिल कर सकती है. इस समिति को रेलवे के खर्चों और लीकेज की पहचान करने के लिए गठित किया गया है.

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