- डीएल बनवाने की जटिलता को खत्म करने के लिए सरकार की पहल

- डीएल को आधार कार्ड से किया जाएगा लिंक, परेशानियों होंगी दूर

आई स्पेशल

मेरठ: केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाने की जटिलता को समाप्त करने के लिए अब इसे आधार कार्ड से लिंक करेगी। आवेदनकर्ता को डीएल बनवाने के लिए आधार कार्ड देना होगा। योजना पर अभी काम चल रहा है जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

सारथी से लिंक होगा आधार कार्ड 'सारथी' सॉफ्टवेयर से आधार कार्ड को लिंक किया जाएगा। इससे हर आवेदक के अंगूठे का निशान, रेटिना की फोटो अब विभाग को आधार कार्ड नंबर से ही मिल जाएगी।

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ये होगा बदलाव

- नए कानून में अधिनियम के रूल 10,14 (1), 17 (1) व 18 को समाप्त कर दिया जाएगा।

- इसके स्थान पर नया फार्म -2 लागू होगा। आवेदनकर्ता को सिर्फ फार्म 2 भरना होगा।

- नए फार्म में नए कॉलम हैं। आवेदनकर्ता को अपना आधार कार्ड नंबर। ईमेल, मोबाइल नंबर लिखना होगा।

-पहली बार डीएल बनवाने वाले व्यक्ति के लिए सड़क हादसे में मृत्यु होने पर अंगदान करने की घोषणा करने का विकल्प होगा।

- नए नियम से लर्निग लाइसेंस नया परमानेंट लाइसेंस, डीएल नवीनीकरण आदि से लोगों को अलग-अलग फार्म (प्रपत्र) भरने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।

यह है स्थिति

- 250 से 300 लाइसेंस रोजाना बनते हैं आरटीओ में

- 30 दिन से ज्यादा का समय लग जाता है डाक से डीएल को घर पहुंचने में

- 350 रूपये फीस है स्कूटर व कार के लर्निग लाइसेंस की

- 200 रूपये फीस है स्कूटर या कार में से किसी एक की

- 1000 रूपये फीस है परमानेंट लाइसेंस के लिए स्कूटर व कार दोनों के लिए

- 700 रूपये फीस है परमानेंट लाइसेंस के लिए स्कूटर या कार में से किसी एक के लिए

अभी यह है योजना

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के बाद आवेदकों को अपने नाम-पते समेत निवास प्रमाण पत्र, जन्म- तिथि प्रमाण पत्र एवं पहचान-पत्र की फोटोकॉपी अटैच करनी होती है। फीस ऑनलाइन जमा होती है। इसके बाद आवेदक को आरटीओ कार्यालय जाकर परीक्षा पास करनी होती है। फिर बायोमैटिक टेस्ट के लिए टोकन का इंतजार करना होता है। काफी वक्त बर्बाद होता था। लंबे इंतजार के बाद अंगूठे के निशान, रेटीना, साइन एवं फोटो ली जाती है।

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इनका है कहना

केंद्र से सॉफ्टवेयर अपडेशन होने के बाद यह प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी, दलालों का चक्कर खत्म होगा साथ ही ऑफिस में लगने वाली भीड़ और परेशानी भी खत्म हो जाएगी.-

ममता शर्मा, आरटीओ