-स्थापना दिवस आज, एसी इंजन संग डुएल इंजन का निर्माण शुरू

- इलेक्ट्रिक में तब्दील किया डीजल इंजन

VARANASI

डीएलडब्ल्यू का शिलान्यास 23 अप्रैल, 1956 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने किया था। तब से यह संस्थान विश्व कीर्तिमान की ओर एक-एक कदम बढ़ाता चला जा रहा है। अभी तक हर साल 300 रेल इंजन बना कर अपने कार्य का लोहा मनवा रहा है तो वहीं डुएल यानी बिजली व डीजल से संचालित इंजन के साथ ही हर दिन एक इंजन बनाने का टारगेट रखते हुए नये कीर्तिमान की ओर कदम बढ़ा दिया है। फिलहाल, एसी इंजन के साथ डुअल यानी बिजली व डीजल दोनों से चलने वाले इंजन का निर्माण शुरू हो गया है। यह प्रयोग भारत में पहली बार किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया पहल के तहत डीजल इंजन को विद्युत रेल इंजन में बदलकर इतिहास रचने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत दो पुराने हो चुके डीजल इंजनों को चुना गया। ऐसे डीजल रेल इंजन के चेसिस, बोगी और ट्रैक्शन मोटर्स को बनाए रखा गया। इस प्रोजेक्ट में डीरेका के साथ आरडीएसओ, सीएलडब्ल्यू और बीएचईएल के इंजीनियर्स ने एक साथ काम किया। पहला इंजन दो महीने में बन गया। इसी तरह मार्च 2018 तक दूसरा इंजन भी बन गया।

87 डेसीबल वाले इंजन पर कार्य

डीएलडब्ल्यू ने इसके पहले शोर कम करने वाले इंजन का भी मेक इन इंडिया के तहत निर्माण शुरू कर चुका है। अब तक 96 डेसीबल आवाज करने वाले इंजन बनाए जाते रहे हैं। नए प्रयोग के तहत अब 87 डेसीबल आवाज करने वाले इंजन बनने लगे हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण पर जहां नियंत्रण होगा वहीं कैब में बैठे लोको पायलट भी आराम से ड्यूटी करेंगे।

तीन साल से सर्वोत्तम उत्पादन इकाई

जीएम रश्मि गोयल ने बताया कि फाइनेंसियल ईयर 2017-18 में डीरेका ने 25 विद्युत रेल इंजन सहित कुल 321 रेल इंजनों का उत्पादन किया जो रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य 315 रेल इंजनों की तुलना में छह रेल इंजन अधिक है। इसके अतिरिक्त मार्च माह में ही डीरेका ने 31 रेल इंजनों के निर्माण के अलावा विश्व में प्रथम बार दो डीजल रेल इंजन को विद्युत रेल इंजन में परिवर्तित कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। रेलवे बोर्ड द्वारा डीरेका को लगातार तीन वर्ष सर्वोत्तम उत्पादन इकाई का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

स्थापना दिवस पर होगा आयोजन

डीएलडब्ल्यू के स्थापना दिवस के अवसर पर दो दिवसीय समारोह का आयोजन रंगशाला में किया जा रहा है। ऑफिसर्स व कर्मचारी संस्थान के तत्वावधान में रविवार को आयोजित प्रोग्राम में प्रशासनिक भवन परिसर में पहुंचे। यहां डीरेका के संस्थापक डॉ। राजेन्द्र प्रसाद व डीरेका निर्मित प्रथम रेल इंजन को लोकार्पित करने वाले एक्स पीएम लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी राजकुमार गुप्ता, कार्य प्रबंधक मुकेश कारीढाल, कर्मचारी परिषद के संयुक्त सचिव विष्णुदेव दुबे, कर्मचारी परिषद के सदस्य विनोद कुमार सिंह, नवीन सिन्हा, संस्थान के सचिव आलोक कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष रमेश सिंह, राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।