-डीएलडब्ल्यू में हाइड्रो फ्यूल से चलने वाले इंजन के लिए हुआ टेंडर

-इंजन को इको फ्रेंडली बनाने की ओर बढ़ाया कदम

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डीएलडब्ल्यू ने इको फ्रेंडली इंजन बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। डीएलडब्ल्यू वह इंजन बनाने जा रहा है, जिसमें हाइड्रो फ्यूल का उपयोग होगा। यह वह कवायद है जो अन्य वाहनों में बहुत पहले से ही प्रयास किया जा रहा है। यानि कि अब इंजनों को वायु प्रदूषण मुक्त करने का डिसीजन लिया गया है। इसके लिए इंजनों के फ्यूल को चेंज करने पर बहुत तेजी से काम चल रहा है। यह कवायद वायु प्रदूषण के चलते बढ़ रहे गम्भीर दुष्परिणाम को देखते हुए शुरू किया गया है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए डीएलडब्ल्यू एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के मानकों के अनुरूप कैंपस और उत्पादों को बनाए रखने पर दृढ़ता से कार्य कर रहा है। अब हाइड्रो फ्यूल टेक्निक का यूज कर इंजन बनाने पर कार्य स्टार्ट हो गया है। जो मील का पत्थर साबित होगा।

इको फ्रेंडली की ओर कदम

डीएलडब्ल्यू अपने लोको इंजनों में नयी टेक्निक का उपयोग कर उसे इको फ्रेंडली बनाने पर बहुत दिनों से जुटा हुआ है। जिसमें डीएलडब्ल्यू को अप्रत्याशित कामयाबी मिली है। इसी कड़ी में डीजल व इलेक्ट्रिक से चलने वाले इंजन से एक कदम आगे बढ़ते हुए संस्थान ने हाइड्रो फ्यूल से चलने वाला इंजन ईजाद किया है। यह ऐसा इंजन है जिसमें डीजल की जगह हाइड्रोजन का फ्यूल के रूप में उपयोग होगा। जिसमें प्रदूषण का नाम नहीं होगा। यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल रहेगा। हाइड्रोजन पावर फ्यूल कार्बन उत्सर्जन को जीरो करने में कारगर है।

कम पॉवर के इंजन से शुरुआत

डीएलडब्ल्यू में हाइड्रो फ्यूल इंजन बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया स्टार्ट हो गयी है। इसके लिए टेंडर हो गया है। जीएम एके हरित ने बताया कि हाइड्रो फ्यूल से चलने वाले इंजन पहले कम पावर के बनाए जाएंगे। जिसमें 2500 से 3000 एचपी शामिल है। इसके सक्सेस होने पर हाई पावर के इंजन का निर्माण स्टार्ट होगा। जिसके बाद डीएलडब्ल्यू में बनने वाले इंजन कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड और फ्लू गैस फ्री हो जाएंगे। बताया कि डीएलडब्ल्यू को लंबे प्रयास के बाद यह कामयाबी मिली है। इसके साथ ही डीएलडब्ल्यू में बनने वाले इंजन इको फ्रेंडली की कैटगरी में आ जाएंगे।

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छह हजार को भी मिला सिग्नल

डीएलडब्ल्यू एक के बाद एक मिसाल कायम करता चला जा रहा है। इसी कड़ी में यहां 6000 एचपी के इंजन निर्माण पर भी मुहर लग गयी है। जीएम के मुताबिक इस हाई पावर इंजन के लिए भी टेंडर का प्रॉसेस पूरा हो गया है। अब वह दिन दूर नहीं जब डीएलडब्ल्यू में छह हजार एचपी के इंजन बनने लगेंगे। बता दें कि डीएलडब्ल्यू में प्रत्येक वर्ष 300 इंजन का निर्माण होता है। जिसकी पूरे देश के साथ ही श्रीलंका, बंग्लादेश, भूटान, मालदीव सहित अन्य देशों को सप्लाई होती है।