-डीएम, एसएसपी की छापेमारी में बरामद हुई नकदी

-मोबाइल नहीं मिले, सिमकार्ड लेकर लौटी पुलिस

>GORAKHPUR:

डीएम और एसएसपी ने भारी पुलिस बल के साथ सोमवार दोपहर मंडलीय कारागार में छापेमारी की। घंटों चली छापेमारी के दौरान अफसरों ने जेल के अंदर आठ हजार रुपए नकद, सिम कार्ड, लाइटर, गुटखा और कैलकुलेटर बरामद किया। छापेमारी से बंदियों में हड़कंप मचा रहा। वहीं उनके पास से कैलकुलेटर बरामद होने को लेकर सवाल खड़े हो गए। पुलिस कर्मचारी एक दूसरे से पूछते रहे कि आखिर बंदी कैलकुलेटर क्यों रखते हैं। एसएसपी ने कहा कि जेल की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। चुनाव को देखते हुए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

दोपहर में अचानक पहुंची टीम

सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे डीएम संध्या तिवारी, एसएसपी रामलाल वर्मा मंडलीय कारागार पहुंचे। बंदियों से मुलाकात के लिए उनके परिजनों की भीड़ लगी थी। भारी पुलिस बल बैरकों में घुसकर चेकिंग करने लगा। बैरकों के बाहर आधा दर्जन से अधिक संख्या में सिमकार्ड, गुटखा, लाइटर, कैलकुलेटर बरामद हुए।

बंदियों के पास मिली नकदी

बैरकों में दो बंदियों के पास से नकदी भी मिली। कैंट एरिया के बेतियाहाता मोहल्ले में ससुर की हत्या करने का आरोपी अविनाश पांडेय जेल में बंद है। तलाशी में उसके पास से 56 सौ रुपए मिले। एक अन्य बंदी विकास सिंह के पास से पुलिस ने 24 सौ रुपए बरामद किए। पूछताछ में सामने आया कि जेल में इन्हीं रुपयों से बंदी वीआईपी सुविधाएं खरीदते हैं।

कैसे अंदर पहुंच रहा सामान

जेल के अंदर पुलिस एक भी मोबाइल बरामद नहीं कर सकी। सवाल उठता है जब मोबाइल नहीं बरामद हुए तो सिमकार्ड वहां कैसे पहुंचे। केवल सिमकार्ड से कोई बंदी किसी को कैसे फोन कर सकता है। एसएसपी ने चेकिंग में लापरवाही का सवाल उठाया। गेट पर पीएसी और कारागार पुलिस की चेकिंग के बावजूद प्रतिबंधित चीजें बरामद होने से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसएसपी ने जेल पुलिस चौकी की व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के निर्देश दिए हैं। चौकी पर तैनात पुलिस कर्मचारी भी जेल में आने जाने वालों की चेकिंग कर सकेंगे।

वर्जन

गेट पर होने वाली चेकिंग में खामी की वजह से भीतर सिमकार्ड सहित अन्य प्रतिबंधित सामान पहुंच रहे हैं। इस मामले की रिपोर्ट बनाकर शासन को भ्ोजी जाएगी।

रामलाल वर्मा, एसएसपी