- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय परिसर में अराजकतत्वों को वार्डन ने कराया था दाखिल

- स्कूल में मेन गेट पर लगा था अश्लील पोस्टर

-खबर के प्रकाशन के बाद डीएम ने दिए मौखिक जांच के आदेश, दफ्तर से बाहर नहीं निकला आदेश

-बातों-बातों में जांच अधिकारी भी कर दिया नामित, अधिकारी को नहीं है कोई जानकारी

Meerut : मुलाजिम तो मुलाजिम अब तो 'हुक्मरान' भी कागजी फरमान देकर गंभीर मसलों पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं। शहर के पूर्वा अहिरान में संचालित आवासीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में गत दिनों 'आई नेक्स्ट' ने स्कूल वार्डन की करतूत का खुलासा किया था। प्रकरण पर गंभीरता दर्शाते हुए डीएम पंकज कुमार ने जांच कर कार्यवाही की बात कह दी और एक अधीनस्थ को जांच का जिम्मा भी सौंप दिया। इस हवा-हवाई फरमान की तफ्तीश की गई तो पता चला कि डीएम कार्यालय की ओर से नामित जांच अधिकारी को पत्र तक नहीं लिखा गया। देख लेने की बात कहकर डीएम ने फिर मामले को आया-गया कर दिया।

परिसर में दाखिल हुए थे लड़के

16 जनवरी को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय परिसर में अपराह्न कुछ युवक दीवार को फांदकर दाखिल हुए। आश्चर्यजनक तो यह था कि इन युवकों को हॉस्टल की वार्डन प्रियंका भारद्वाज की परिसर में दाखिल करा रही थी। फोटो में वे पास खड़ी दिखाई दे रही हैं। साथ ही स्कूल के मेन गेट पर अश्लील पोस्टर लगे थे। 'आई नेक्स्ट' की टीम ने इस पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद कर लिया तो खलबली मच गई। वार्डन ने सफाई दी कि जींस पहने लड़कियां हैं। हालांकि स्थिति जो भी हो गंभीर प्रकरण की जांच का विषय था सो डीएम ने मसले को संज्ञान में लिया।

डीएम ने दिया मुंहजुबानी आदेश

अगले दिन डीएम ने प्रकरण एक जुबानी फरमान जांच करते हुए जांच के आदेश दे दिए। इतना ही नहीं उन्होंने ट्रेनी आईएएस ईशा दूहन को जांच सौंप दी। डीएम ने 'आई नेक्स्ट' की खबर को पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया दी थी कि जांच कर जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम के आदेश को कार्यालय ने तव्वजो नहीं दिया या डीएम ने खुद के आदेश को तव्वजो नहीं दिया इस प्रकरण में जांच के संबंध में पत्र कार्यालय से जारी नहीं किया गया।

नहीं मिला कोई पत्र

प्रकरण को लगातार फॉलो कर रही आई नेक्स्ट टीम ने कई बार ट्रेनी आईएएस ईशा दूहन से बात की, उन्होंने हर बार यही कहा कि इस प्रकरण के संबंध में जांच के लिए उनके पास कोई पत्र जिलाधिकारी कार्यालय से नहीं आया है तो वहीं टीम डीएम के संपर्क में भी रही। 28 जनवरी को इस बाबत आई नेक्स्ट ने डीएम से एक बार फिर जिक्र किया, जांच सौंपने की बात इस बार भी डीएम ने कही और जांच अधिकारी का नाम भी दोहराया।

प्रकरण ठंडे बस्ते में

डीएम कार्यालय की नजरअंदाजी से अब यह प्रकरण पूरी तरह से ठंडे बस्ते में पहुंच चुका है। सरधना में बतौर एसडीएम तैनाती पा चुकीं ट्रेनी आईएएस से शनिवार को जब फोन से बात की गई तो उन्होंने दोहराते हुए कहा कि कई बार पहले भी जिक्र हो चुका है किंतु इस तरह के किसी प्रकरण की जांच उन्हें डीएम कार्यालय की ओर से नहीं सौंपी गई तो वहीं रविवार को डीएम की व्यस्तता के चलते उनसे बात नहीं हो सकी।