- दो दर्जन ऑफिसर्स पर गिरी गाज

- डा। राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में लापरवाही करना पड़ गया महंगा

- जल निगम के तीन अधिशासी अभियंताओं का वेतन काटने का आदेश

ALLAHABAD: लोकसभा चुनाव के बाद जहां यूपी गवर्नमेंट का पारा सातवें आसमान में है। वहीं अब योजनाओं के संचालन में लापरवाही बरतने वालों पर भी गाज गिरने लगी है। डीएम का गुस्सा मंडे को दो दर्जन ऑफिसर्स पर फूटा। उन्होंने काम में लापरवाही बरतने वाले सभी लोगों का वेतन रोकने का आदेश दिया है।

विकास कार्यो की अनदेखी पर भड़के

चुनाव के बाद मंडे को जिलाधिकारी पी गुरु प्रसाद ने एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर्स के साथ मीटिंग कर डा। राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना की समीक्षा की। समीक्षा मीटिंग में चयनित गांवों में विकास कार्यो में लापरवाही बरतने शौचालयों के वर्क आईडी जेनरेट न होने और मस्टर रोल निकालने में लापरवाही बरतने पर सभी ख्0 विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया। जलनिगम के तीनों अधिशासी अभियंता मीटिंग में प्रेजेंट नहीं थे, जिस पर उनका भी वेतन काटने का आदेश दिया। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के भी अनुपस्थित रहने पर, वेतन रोकने का निर्देश दिया।

जांच के आदेश दिए

डीएम ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बड़गांव बागी मऊआइमा मार्ग की खराब गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए। उन्होंने जांच के लिए अधिशासी अभियंता लोक निर्माण खंड-0ब् के अधिशासी अभियंता और डिप्टी कमिश्नर मनरेगा की टीम गठित की। उन्होंने ख्0क्ख्-क्फ् और ख्0क्फ्-क्ब् के समग्र ग्रामों में किए गए विकास कार्यो के सत्यापन रिपोर्ट फ्0 मई तक देने का निर्देश दिया। मीटिंग में सीएमओ, सीडीओ, पीडी मौजूद थे।