- लगातार बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर

- बक्शी बांध पर मंडराने के लगे खतरे के बादल, कछार पर पलायन जारी

ALLAHABAD: रफ्तार भले ही कम गई हो लेकिन नदियों के जलस्तर में वृद्धि सोमवार को भी जारी रही। जिसके चलते जिला प्रशासन ने राहत और बचाव के इंतजामात तेज कर दिए हैं। उधर, बाढ़ के खतरे को भांपते हुए कछार एरिया में लोगों ने सामान समेटना शुरू कर दिया है। कुछ ने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है तो कोई दूसरी मंजिल पर शिफ्ट होने का प्लान बनाता नजर आया।

खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा पानी

पल-पल बढ़ता नदियों का पानी शहरवासियों की धड़कनें बढ़ा रहा है। रविवार के मुकाबले सोमवार को गंगा-यमुना के जलस्तर का दो से ढाई सेंमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ना जारी रही। कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक फाफामऊ और छतनाग में गंगा का जलस्तर ख्ब् घंटे में म्9 और भ्7 सेमी और नैनी में यमुना का जलस्तर ब्9 सेमी बढ़ा है। प्रशासन का कहना है कि बेतवा का दबाव घटने से यमुना में उफान की रफ्तार कम हुई है। वहीं, गंगा में भी उत्तराखंड से छोड़े जाने वाले पानी का प्रेशर कुछ कम हुआ है। जिससे पानी बढ़ने की गति में गिरावट दर्ज की गई है।

सोमवार को नदियों का जलस्तर

फाफामऊ- 8क्.980 मीटर

छतनाग- 8क्.क्म्0 मीटर

नैनी- 8क्.7ब्0 मीटर

खतरे का निशान- 8ब्.7फ्ब् मीटर

छोटा बघाड़ा के घरों के घुसा पानी

नदियों का पानी खतरे के निशान से भले ही दूर हो लेकिन इसने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। खासतौर से कछार वाले इलाकों में पानी ने अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है। छोटा बघाड़ा के कई घरों के निचले तल पर पानी की मौजूदगी देखी जा सकती है। यहां रहने वाले विमल बिंद ने खतरे को भांपते हुए अपने रिश्तेदार के यहां ठिकाना बना लिया है। उन्होंने कहा कि खतरा टलने के बाद वह वापस आ जाएंगे। वहीं, कुछ लोगों ने ग्राउंड फ्लोर से अपना बोरिया-बिस्तर समेटने में ही भलाई समझी है।

बड़े हनुमान के दर्शन को उमड़ रहे भक्त

बंधवा स्थित बड़े हनुमानजी को गंगा द्वारा स्नान कराए जाने की सूचना मिलने पर सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में दर्शन को उमड़ी। लोगों ने मंदिर में पहुंचकर जय गंगा मैया और जय बजरंग बली का उद्घोष किया। भक्तों का कहना था कि पिछले साल से लगातार यह संयोग बन रहा है जब गंगा मैया मंदिर तक पहुंच रही हैं।

खतरे की जद में आया बक्शी बांध

अगर पानी तेज रफ्तार से बढ़ा तो शहर के लोगों की नींद हराम हो सकती है। बाघंबरी गद्दी स्कीम के पार्षद विनय कुमार मिश्रा ने बताया कि सलोरी एसटीपी रिंग बांध का काम अधूरा रह जाने से बक्शी बांध के लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि जहां से पंपों का पानी निकलता है वहां पानी के टकराव से मिट्टी कटने लगी है। इस जगह केवल टोवाल बनाए जाने से बाढ़ के खतरे को नहीं रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि तीन पंप खराब होने की वजह से बारिश के पानी की निकासी भी मुश्किल होगी।