Lucknow: ला मार्टीनियर ब्वायज कॉलेज से बिना वजह से निकाले गए हाईस्कूल के 24 स्टूडेंट्स का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को हाईस्कूल के स्टूडेंट ओसामा के पिता ने डीएम को उनके बच्चे के साथ हुए अत्याचार की कहानी सुनाई थी तो गुरुवार को दो और स्टूडेंट डीएम से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे। उन्होंने डीएम को कॉलेज से निकाले गए सभी स्टूडेंट्स की लिस्ट दी है और न्याय की गुहार की है.
डीएम ने भी उनको आश्वासन दिया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई और पेरेंट्स या स्टूडेंट्स इस मामले में शिकायत करना चाहते हैं तो वह उनके आवास पर स्थित आफिस में अपनी शिकायत रिसीव करा सकते हैं। सभी शिकायतें मिलने के बाद ही जांच शुरु की जाएगी.
अल्पसंख्यक आयोग जारी करेगा नोटिस
लामार्टीनियर ब्वायज कॉलेज में क्लास टेंथ में पढऩे वाले ओसामा ने इसकी शिकायत जवाहर भवन स्थित अल्पसंख्यक आयोग में की है। लामार्टीनियर ब्वायज कॉलेज में निकाले गए 24 में 18 बच्चे मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। कई पेरेंट्स ने अल्पसंख्यक आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है। वहीं आयोग का कहना है कि मामला काफी गंभीर है इसलिए इसकी पूरी जांच की जाएगी.
आयोग ने बताया कि इस मामले में जल्द ही पिं्रसिपल को नोटिस जारी कर कारण पूछा जाएगा। गुरुवार को अपने बच्चों के फ्यूचर को लेकर कई पेरेंट्स प्रिंसिपल से मिलने पहुंचे लेकिन प्रिंसिपल ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया। पेरेंट्स का कहना था कि प्रिंसिपल कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है.
इसके अलावा कई पेरेंट्स इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्टूडेंट्स को इस तरह कॉलेज से नहीं निकाला जा सकता है। वहीं इस मामले में प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश की गई लेकिन वह ना ही मिले और ना ही फोन रिसीव किया.
अप्रैल में ही कर ली थी तैयारी
ला मार्टीनियर ब्वायज कॉलेज ने अप्रैल में ही स्टूडेंट्स को निकालने की तैयारी कर ली थी। पेरेंट्स ने बताया कि कॉलेज ने जिन स्टूडेंट्स को निकाला है उनकी लिस्ट अप्रैल में तैयार हो गई थी। पेरेंट्स का कहना है कि वहीं के टीचर्स ने बताया था कि यह बात स्टूडेंट्स को इसलिए नहीं बताई गई थी कि उनके बोर्ड एग्जाम चल रहे थे। जैसे ही बच्चों का रिजल्ट आया तो कॉलेज ने मार्कशीट के साथ उनको टीसी और कैरेक्टर सार्टिफिकेट थमा दिया.

"एक तरफ समाजवादी पार्टी मुसलमानों को एजुकेशन दिलाने की बात कर रही है दूसरी तरफ इतनी बड़ी तादाद में मुसलमान स्टूडेंट्स को शहर के एक नामी स्कूल ने बाहर निकाल दिया है, वह भी बिना किसी वजह के। इससे साफ पता चलता है कि सरकार कितना मुसलमानों के बारे में सोचती है। सरकार को चाहिए कि वह मुसलमान बच्चों के साथ सभी स्टूडेंट्स को वापस उसी स्कूल में एडमिशन कराएं और इस पूरे मामले की जांच कराकर प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कारवाई करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर इसके लिए सड़क पर उतरना हमारी मजबूरी हो जाएगी। इस बारे में जल्द सरकार के जिम्मेदार लोगों से बात की जाएगी और जिलाधिकारी से भी सवाल किया जाएगा."
अबुल इरफान मियां फिरंगी महली, शहर काजी

"यह बहुत ही शर्म की बात है कि 18 मुसलमान स्टूडेंट्स को एक नामी स्कूल ने अपने यहां से निकाल दिया है। यह सरकार के लिए भी शर्म की बात है क्योंकि मुसलमानों को तरक्की देने के नाम पर उसने वोट लिए थे और उनको ही स्कूलों से बाहर निकाला जा रहा है। ऐसे में वह तरक्की करने के बजाए और पीछे होते चले जाएंगे। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह इसकी निष्पक्ष जांच करें और सभी स्टूडेंट्स को उनका हक दिलाए। सरकार को इसकी जांच के लिए लेटर लिख कर कार्रवाई की मांग की जाएगी."
मौलाना मोहम्मद मुश्ताक नदवी, अध्यक्ष ऑल इंडिया सुन्नी बोर्ड

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