-डीएम की अध्यक्षता में होगी मीटिंग, पेरेंट्स को राहत की उम्मीद
-नौ बिंदुओं पर लिया जाएगा निर्णय, 12 दिसंबर 2018 को हुई थी पहली बैठक
बरेली: निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूलने पर डीएम वीरेन्द्र कुमार सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए शुल्क निर्धारण समिति की 18 जुलाई को बैठक बुलाई है। इस दौरान मनमानी फीस वसूलने और जुर्माना लगाने समेत नौ बिंदुओं पर निर्णय लिया जाएगा। फीस के साथ पेनाल्टी की दोहरी मार झेल चुके पेरेंट्स को इस बैठक से खासी उम्मीदें हैं।
जांच से फंसा था मामला
शुल्क अध्यादेश आने के बाद अभिभावकों को आस जगी थी कि निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगेगी। इसलिए उन्होंने स्कूलों में फीस जमा नहीं की। 12 दिसंबर 2018 को जिला शुल्क निर्धारण कमेटी ने पहली बैठक बेनतीजा रही। मंडलीय समिति की जांच में फंसे 24 निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की बजाय फिर ने इनकी जांच कराने का निर्णय लिया गया।
जमा करनी पड़ी फीस
पेरेंट्स ने निजी स्कूल संचालकों पर फीस जमा न करने पर बच्चों के उत्पीड़न का अरोप लगाया। बच्चों को एग्जाम में न बैठने देने पर मजबूरी में पेरेंट्स को पेनाल्टी के साथ फीस जमा करनी पड़ी। बोर्ड परीक्षाओं के बाद लोकसभा चुनावों की व्यस्तता को वजह बताकर जिला शुल्क निर्धारण कमेटी ने दूसरी बैठक नहीं बुलाई। निर्णय न होने पर 2019 में नया सत्र शुरू होने पर अभिभावकों को फिर से मनमानी फीस जमा करनी पड़ी।
इन बिंदुओं पर लिया जाएगा निर्णय
-24 निजी स्कूलों के रिकार्ड की सीए ने फिर से जांच कार्रवाई को अनुमोदन -निर्धारित से अधिक शुल्क वसूलने -तबादले के बाद पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता यशपाल सिंह, लेखाधिकारी रामकुमार मौर्य व सेंट मारिया की प्रधानाचार्य सुनीता माऔ की जगह कमेटी में दूसरे सदस्यों की तैनाती करने
-नए सत्र में 666 में से सिर्फ 22 निजी स्कूलों ने ही सूचना बोर्ड पर मान्यता
-प्रवेश व शुल्क नीति, छात्रावास, कोर्स, खेल, शिक्षकों का अनुपात आदि का विवरण प्रकाशित करने
-नए सत्र में शुल्क बढ़ाने से तीन माह पहले जिला शुल्क निर्धारण कमेटी सूचना व रिकार्ड नहीं देने
-मनमानी शुल्क वसूल कर अधिनियम का उल्लंघन करने पर वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस करने व एक लाख या इससे अधिक का जुर्माना लगाने
-लेखा रिकार्ड का सही ढंग से रख-रखाव करने।
-पांच साल तक यूनीफार्म, कोर्स आदि नहीं बदलने
-अभिभावकों को निर्धारित दुकान से खरीदारी के लिए बाध्य नहीं करने।
वर्जन।
इस बैठक से अभिभावकों को खासी उम्मीद है। यह सफल तभी मानी जाएगी, जब राहत का कोई फार्मूला निकलता है।
-अंकुर सक्सेना, प्रदेश अध्यक्ष अभिभावक संघ
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डीएम जिला शुल्क निर्धारण कमेटी के अध्यक्ष हैं। उनकी अनुमति मिलने पर 18 को निजी स्कूलों के शुल्क निर्धारण व अन्य मसलों पर बैठक बुलाई गई है।
-डॉ। अचल कुमार मिश्र, डीआईओएस।