-प्रमुख सचिव गृह ने पिछले आदेश को किया संशोधित

-आपसी परामर्श के बाद एसएसपी/एसपी कर सकेंगे तैनाती

LUCKNOW :

थानों में एसएचओ की तैनाती से पहले अब पुलिस कप्तानों को डीएम की लिखित मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। पूर्व में जारी आदेश पर मचे हंगामे के बाद आखिरकार गुरुवार को गृह विभाग ने बैकफुट पर आते हुए संशोधन आदेश जारी कर दिया। संशोधित आदेश में सिर्फ डीएम से परामर्श कर आपसी सहमति से लिस्ट जारी करने को कहा गया है।

मंजूरी के लिये भेजनी होती थी लिस्ट

जिले के थानों में एसएचओ/एसओ की तैनाती को लेकर वर्ष 2006 और 2010 में शासनादेश जारी किये गए थे। इन शासनादेशों में कहा गया था कि थानों में एसएचओ/एसओ की तैनाती से पूर्व इसकी सूची जिलों के डीएम को भेजनी होगी। डीएम की इस लिस्ट पर लिखित मंजूरी मिलने के बाद ही थानों में उन एसएचओ/एसओ की तैनाती हो सकती थी। बीती 9 मई को प्रमुख सचिव गृह ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को आदेश जारी कर पूर्व में जारी शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा था। कई जिलों में इसे लेकर डीएम व एसएसपी/एसपी के बीच रस्साकशी की भी कई खबरे सामने आई थीं।

परामर्श कर बनाएं सहमति

गुरुवार को प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने इस आदेश को संशोधित करते हुए नया आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि जिलों के पुलिस कप्तान अब थानों में एसएचओ/एसओ की तैनाती से पूर्व डीएम से परामर्श करेंगे और आपसी सहमति के बाद तैनाती का आदेश जारी करेंगे। इस संशोधन आदेश को आईपीएस अधिकारियों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, बीती 9 मई को आदेश जारी होने के बाद कई जिलों में डीएम और एसएसपी/एसपी के बीच इसे लेकर अंतर्विरोध सामने आया था। केंद्रीय आईपीएस एसोसिएशन ने भी इस आदेश पर आपत्ति जतायी थी और इसे वापस लेने की अपील की गई थी।