बुधवार के दिन या फिर गणेश चतुर्थी और संकट चतुर्थी के दिन पूरे विधि—विधान के साथ श्री गणेश जी की पूजा और स्तुति करनी चाहिए। ऐसा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विघ्नहर्ता सुखकर्ता देवा श्री गणेश की महिमा सबसे बड़ी मानी गयी है। कोई भी धार्मिक कार्य, पूजा पाठ में यह सबसे पहले जो पूजे जाते हैं। बुद्धि के देवता श्री गणेश की जिस पर कृपा हो जाती है वो सभी सुखों का स्वामी हो जाता है।

1. गणेश जी के सिर पर रखें दुर्वा

जब भी पूजा करें भगवान गणेश के लिए विशेष दूर्वा घास रखकर पूजा करें। यह दूर्वा उनके सिर पर रखें, कभी चरणों में अर्पित ना करें| दूर्वा को चढ़ाते समय यह सही विधि से मंत्र जप करे इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः”। यह आप पांच, 11 या 21 के रूप में चढ़ा सकते हैं। दूर्वा गणेश जी को खुश करती है।

2. मोदक का भोग

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भगवान गणेश का प्रिय भोग मोदक है। मोदक मुलायम लड्डू है, जो एकदंत गणेश आसानी से खा सकते हैं। आप इनकी पूजा में मोदक का भोग जरुर लगाएं।

3. शमी के वृक्ष की पूजा

भगवान शनि देव और गणेश दोनों देवताओ को शमी का वृक्ष अति प्रिय है। यदि आप शमी की पूजा करेंगे तो गणेश जी भी जल्दी खुश होंगे।

4. लाल सिंदूर का चोला चढ़ाएं

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आपने कई गणेश मंदिरों में देखा होगा कि गणपति की प्रतिमा को लाल रंग के सिंदूर से चोला चढ़ाया जाता है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इस सिंदूर में गौ माता का शुद्ध घी काम में लें।

5. इनकी भक्ति में गणेश जी के मुख्य मंत्र का सही विधि विधान के साथ हर दिन या बुधवार को जप करें। गणेश जी आपकी सभी मनोकामना को पूर्ण करेंगे।

इन सभी पूजा के उपायों को आप बुधवार, गणेश चतुर्थी, संकट चतुर्थी के दिन जरुर काम में लें। ये आपकी सभी इच्छाएं जरुर पूर्ण करेंगे।

-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

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