- मुंबई में रेस्टोरेंट में लगी आग से 16 लोगों की मौत के बाद भी नहीं लिया सबक

- नए साल में सैकड़ों होटल और रेस्टोरेंट में होंगे प्रोग्राम, जुटेगी भारी भीड़

- प्रोग्राम की परमिशन तो ले ली लेकिन फायर सेफ्टी नियमों की की अनदेखी

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LUCKNOW :

मुंबई में सेलीब्रेशन के दौरान रेस्टोरेंट में लगी आग से हुई 15 लोगों की मौत के बाद भी राजधानी ने कोई सबक नहीं लिया है। न्यू इयर पर लखनऊ में सैकड़ों रेस्टोरेंट, होटल, पब और डिस्कोथेक पर प्रोग्राम होने जा रहे हैं। कागजी खानापूर्ति के लिए जिला प्रशासन और पुलिस से परमिशन तो ले ली गई है लेकिन इन स्थानों पर फायर सेफ्टी की एनओसी नहीं ली गई है। शहर में ज्यादातर होटल, रेस्टोरेंट, पब और डिस्कोथेक में लोगों की सुरक्षा राम भरोसे है।

सिंगल इंट्री और एक्जिट प्वाइंट

शहर में ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट में फायर सेफ्टी गाइड लाइन का फालो नहीं किया जा रहा है। कई जगहों पर तो इंट्री और एग्जिट प्वाइंट भी एक ही है। ऐसे में आग लगने की सूरत में लोगों के पास भागने का दूसरा कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं है। इसके बाद भी करीब दो दर्जन से ज्यादा होटल और रेस्टोरेंट ने फायर विभाग से एनओसी ले ली है। हालांकि विभाग का दावा है कि शहर में मानक के विपरीत खुले रेस्त्रां के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

ओपनिंग के बाद एनओसी की डिमांड

ज्यादातर होटल, पब और रेस्टोरेंट फायर एनओसी का आवेदन तब करते हैं जब उनकी ओपनिंग का समय आता है। फायर डिपार्टमेंट ने मौका मुआयना करने के बाद मानक के विपरीत खुले रेस्टोरेंट की एनओसी रोक दी। इसके बाद भी इन्हें इनके मालिकों ने खोल दिया।

28 होटलों को नोटिस जारी

नवंबर 2016 से दिसम्बर 2017 के बीच फायर डिपार्टमेंट ने कुल 28 होटल और रेस्टोरेंट के खिलाफ नोटिस जारी की है। सीएफओ अभय भान पाण्डेय ने बताया कि फायर डिपार्टमेंट ने जिला प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजकर ऐसे होटलों को सीज करने की संस्तुति भी की। हालांकि आज तक किसी भी होटल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

लखनऊ के होटलों में भी हादसे

- 7 मई 2017 को इंदिरानगर के भूतनाथ मार्केट स्थित बेबियन होटल में आग लग गई थी। जिससे वहां चल रही पार्टी में भगदड़ मच गई थी।

- 19 जून 2016 को नाका के लाटूश रोड स्थित एक होटल में आग लगी जिसमें सुनील सिंह और गौरव मिश्रा गंभीर रूप से झुलस गए थे।

- 3 मई 2016 को हजरतगंज सप्रु मार्ग स्थित होटल गोमती में आग लगी थी। जिससे यहां चल रही सेमिनार में भगदड़ मच गई थी।

मनमानी करने वाले 55 केखिलाफ नोटिस

सीएफओ ने बताया कि मानकों की अनदेखी और मनमानी करने वाले 55 भवन मालिकों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस फाइल करने के लिए नोटिस भी दिया गया है। इनमें से बहुत से भवन ऐसे हैं जिनमें प्रतिदिन कम से कम दस हजार लोगों का आना-जाना है। इन भवन मालिकों को फायर फाइटिंग सिस्टम में सुधार करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन मनमानी करते हुए इन भवन मालिकों ने आदेश का पालन नहीं किया।

अस्पतालों की हालत भी ठीक नहीं

राजधानी में करीब 13 सरकारी अस्पताल हैं। इनमें पीजीआई और केजीएमयू सबसे बड़े अस्पताल हैं। पीजीआई, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान, बलरामपुर, सिविल, लोक बंधु, भाऊराव देवरस, डफरिन, झलकारी बाई, रानी लक्ष्मीबाई, ईएसई अस्पताल को एक साल पहले फायर विभाग ने चेतावनी जारी की थी। साथ ही फायर फाइटिंग सिस्टम में सुधार के लिए बिन्दु भी सुझाए थे।

मुंबई में हुए कांड को देखते हुए तत्काल चेकिंग के बाद सभी होटल, रेस्टोरेंट और ऐसी बिल्डिंगों को जहां पब्लिक का आना जाना ज्यादा है फायर फाइटिंग सिस्टम तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही करीब 28 होटल्स को नोटिस भी जारी किया गया है। नए साल के सेलीब्रेशन प्रोग्राम को देखते हुए सभी होटलों को एडवाइजरी जारी की गई है।

अभय भान पांडेय, चीफ फायर अफसर